अमेरिका ने ईरान की परमाणु साइटों पर किए हमले, युद्ध की आशंका गहराई
रविवार सुबह टेलीविज़न पर दिए एक संबोधन में ट्रंप ने कहा, “हमारे हमले सैन्य रूप से बेहद सफल रहे हैं। ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमताओं को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।”;
'अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि ईरान की तीन परमाणु साइटों—फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान—पर सफलतापूर्वक हमला किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी अमेरिकी विमान अब ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर निकल चुके हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इज़राइल पहले से ही ईरान पर हमले कर रहा है, और अब अमेरिका ने भी युद्ध में खुलकर हस्तक्षेप किया है।
रविवार सुबह टेलीविज़न पर दिए एक संबोधन में ट्रंप ने कहा, “हमारे हमले सैन्य रूप से बेहद सफल रहे हैं। ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमताओं को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।”
अमेरिका के इस हमले से मध्य पूर्व में तनाव और गहराने की आशंका बढ़ गई है। यह स्थिति 2003 में इराक पर अमेरिकी हमले की भयावह यादें ताज़ा करती है। 13 जून को इज़राइल ने पहली बार ईरान की परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमला किया था।
अब तक इज़राइली हमलों में 400 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं ईरान के जवाबी हमलों में कम से कम 24 इज़राइली मारे गए हैं।
अमेरिका ने किन इलाकों पर हमला किया?
अमेरिकी एयरफोर्स चीफ डैन केन ने बताया कि अमेरिका ने फोर्डो और नतांज़ साइटों पर "बंकर बस्टर" बम गिराए और इस्फहान पर 24 से अधिक टोमहॉक मिसाइलें दागीं। इन बमों में से कुछ GBU-57 "मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर" थे, जो बेहद भारी और गहराई तक मार करने में सक्षम हैं।
इस ऑपरेशन में 125 विमान शामिल थे और कुल 75 "प्रिसिजन बम" गिराए गए। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा B-2 स्टील्थ बॉम्बर मिशन था। अधिकारियों ने यह भी कहा कि ईरान को हमले का पता तब चला जब हमलावर विमान वापस लौट चुके थे।
कौन-सी साइटें निशाने पर थीं?
फोर्डो: यह सुविधा क़ोम शहर के पास पहाड़ों के अंदर गहराई में स्थित है और यूरेनियम संवर्धन के लिए जानी जाती है।
नतांज़: यह ईरान की सबसे बड़ी परमाणु संवर्धन साइट है, जो भूमिगत है और पहले भी कई बार हमले झेल चुकी है।
इस्फहान: यह शोध और उत्पादन केंद्र है जहां यूरेनियम को ईंधन में बदला जाता है।
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, जबकि अमेरिका और इज़राइल इस पर परमाणु हथियार विकसित करने का आरोप लगाते आए हैं।
ईरान की प्रतिक्रिया क्या रही?
ईरानी संसद के सलाहकार मेहदी मोहम्मदी ने कहा कि ईरान को हमले की पहले से आशंका थी और फोर्डो को पहले ही खाली कर दिया गया था। ईरान की परमाणु एजेंसी ने पुष्टि की है कि किसी भी साइट से रेडिएशन का रिसाव नहीं हुआ है और आसपास के इलाकों में कोई खतरा नहीं है।
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने अमेरिका के हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि ईरान अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी विकल्प सुरक्षित रखता है।
ईरान ने यह भी संकेत दिया है कि वह परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने पर विचार कर सकता है। ईरानी सांसद अब्बास गोलरू ने कहा कि अमेरिका की आक्रामक कार्रवाई के बाद ईरान को संधि छोड़ने का अधिकार है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और खतरे
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि यह हमला पहले से ही तनावपूर्ण क्षेत्र में खतरनाक वृद्धि है और इससे वैश्विक शांति पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने चेताया कि यह संघर्ष अनियंत्रित रूप से फैल सकता है, जिससे आम नागरिकों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा।
मध्य पूर्व विशेषज्ञों का मानना है कि अब अमेरिका एक लंबे और जटिल युद्ध में फंस सकता है। विशेषज्ञ एडम वीनस्टीन ने कहा कि ईरान इस हमले के बाद अधिक गोपनीयता के साथ परमाणु कार्यक्रम जारी रख सकता है, और यदि वह NPT से बाहर निकलता है, तो इज़राइल और अमेरिका के और हमले होने की आशंका बढ़ जाएगी।
ट्रंप की नई चेतावनी
हमले के बाद ट्रंप ने चेतावनी दी कि “यदि ईरान ने अमेरिका पर पलटवार किया, तो उसे पहले से भी ज़्यादा ताकत से जवाब मिलेगा।”