विराट कोहली ने क्यों छोड़ी कप्तानी इस बात पर तोड़ी चुप्पी! जिंदगी में खुश रहने के लिए छोड़ी कप्तानी, जानें धोनी को लेकर क्या कहा

गैरी और एमएस ने मुझे यह स्पष्ट कर दिया कि तीसरे नंबर पर मेरी जगह पक्की है।;

Update: 2025-05-06 11:50 GMT

नई दिल्ली। विराट कोहली ने साल 2021 में भारतीय टीम और फिर बाद में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की कप्तानी छोड़ने के फैसले को लेकर चार साल बाद चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने लगभग एक दशक तक देश का और आईपीएल में अपनी फ्रेंचाइजी आरसीबी का नेतृत्व किया।

फॉर्म में नहीं होने की वजह से बल्लेबाजी पर रखी जा रही थी निगरानी

हालांकि, 2021 में अचानक से कोहली ने पहले तो भारतीय टी20 टीम की और फिर आरसीबी की कप्तानी छोड़ दी थी। फिर उन्हें वनडे की कप्तानी से भी हटा दिया गया था। कोहली ने कहा कि फॉर्म में नहीं होने की वजह से उनकी बल्लेबाजी पर निगरानी रखी जा रही थी। तब उन्होंने सोचा कि अब बहुत हो गया और उन्होंने जिंदगी में खुश रहने के लिए आखिर में कप्तानी छोड़ने का फैसला किया।

आखिर में यह मुझ पर हो गया था हावी

दरअसल, विराट ने इस दौरान आगे कहा कि एक समय ऐसा आया जब कप्तानी मेरे लिए बहुत मुश्किल हो गया था। तब मेरे करियर में काफी कुछ घटित हो रहा था। मैं सात-आठ साल से भारत की कप्तानी कर रहा था। मैंने नौ साल तक आरसीबी की कप्तानी की। मैं जो भी मैच खेलता उसमें बल्लेबाजी में मुझसे काफी उम्मीद की जाती थी। मुझे तब इस बात का एहसास नहीं था कि मैं किसी भी काम में ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा हूं। अगर कप्तानी में संघर्ष नहीं कर रहा होता था तो बल्लेबाजी में संघर्ष कर रहा होता था। मैं हर समय इसके बारे में सोचता था। यह मेरे लिए काफी मुश्किल हो गया था और आखिर में यह मुझ पर बहुत अधिक हावी हो गया था।

निजी जीवन में खुश रहने के लिए कर रहे थे संघर्ष

बता दें कि कोहली ने 2022 में क्रिकेट से एक महीने का ब्रेक लिया था और उस दौरान उन्होंने बिल्कुल बल्ला नहीं छुआ था। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया था जब वह निजी जीवन में खुश रहने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसलिए मैंने कप्तानी छोड़ दी क्योंकि मुझे लगा अगर मुझे इस खेल में बने रहना है तो उसके लिए मेरा खुश रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुझे अपने जीवन में एक ऐसी जगह की जरूरत थी जहां मैं सहज होकर रह सकूं और अपना क्रिकेट खेल सकूं।

धोनी ने टीम में नंबर तीन स्थान सुरक्षित करने में मदद की

उन्होंने कहा कि यह उनका दृढ़ संकल्प और तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गैरी कर्स्टन का समर्थन था, जिसने उन्हें टीम में नंबर तीन स्थान सुरक्षित करने में मदद की है। कोहली ने कहा कि मैं अपनी क्षमता को लेकर बहुत यथार्थवादी था क्योंकि मैंने कई अन्य लोगों को खेलते हुए देखा था। मुझे ऐसा नहीं लगा कि मेरा खेल कहीं भी उनके करीब था। मेरे पास केवल दृढ़ संकल्प था। अगर मैं अपनी टीम को जीत दिलाना चाहता था, तो मैं कुछ भी करने को तैयार था। यही कारण था कि मुझे शुरुआत में भारत के लिए खेलने का मौका मिला। गैरी और एमएस ने मुझे यह स्पष्ट कर दिया कि तीसरे नंबर पर मेरी जगह पक्की है।

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