ट्रंप ने भारत पर लगाया 25% एक्स्ट्रा टैरिफ तो भड़के शशि थरूर, कहा- ट्रंप का व्यवहार अच्छा नहीं, सरकार को दिया नया सुझाव

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की है।;

Update: 2025-08-07 05:52 GMT

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसका खुलकर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अगर हमारा कुल टैरिफ 50 फीसदी हो जाता है तो अमेरिका में बहुत से लोगों के लिए हमारे उत्पाद पहुंच से दूर हो जाएंगे। चीन भारत से अधिक रूसी तेल का आयात करता है फिर भी उसे छूट दी गई है। थरूर ने इसे दोहरा मापदंड बताया है।

क्या बोले शशि थरूर?

शशि थरूर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चीन भारत की तुलना में काफी ज्यादा रूसी तेल सहित कई अन्य सामग्रियों का आयात करता है, लेकिन उसे अमेरिकी टैरिफ से '90 दिनों की छूट' मिली है। उन्होंने कहा कि यूरेनियम, पैलेडियम, समेत कई ऐसी चीजें हैं जो अमेरिका रूस से ले रहा है और यही उसका दोहरा चेहरा है।

ट्रंप का व्यवहार अच्छा नहीं

थरूर ने कहा कि चीन भारत से कई गुना ज्यादा तेल रूस से ले रहा है, लेकिन चीन को अमेरिका छूट दे रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने सोचा था कि ट्रंप के होते हुए अमेरिका हमारे साथ दोस्ती निभायगा, लेकिन ये तो किसी भी तरीके से अच्छा व्यवहार नहीं है।

थरूर ने दिया सरकार को सुझाव

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें इस चीज से सबक सीखना होगा। उन्होंन कहा, मुझे लगता है कि निश्चित रूप से इस बात की संभावना है कि अब भारत के भीतर भी अमेरिकी निर्यात पर भारत को तुलनीय पारस्परिक टैरिफ लगाने का दबाव होगा। इसलिए मुझे लगता है कि हमें इन परिस्थितियों में अन्य व्यापारिक साझेदारों पर अधिक ध्यान देना होगा।

हमें दूसरे बाजारों पर फोकस करने की जरूरत

शशि थरूर ने आगे कहा कि हमें अब दूसरे बाजारों पर भी फोकस करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब हमें अन्य बाजारों में गंभीरता से विविधता लाने की जरूरत है जो हमारे सामानों में रुचि रखते हों। अब हमारा ब्रिटेन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता है। हम यूरोपीय संघ से बात कर रहे हैं। ऐसे कई देश हैं जिनके साथ हम उम्मीद करते हैं कि हम ऐसा कर पाएंगे। इससे पहले ट्रंप टैरिफ पर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि हमारा आयात बाजार के कारकों पर आधारित है और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है।

बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों पर टैरिफ हमसे कम

मुझे डर है कि अगर आप वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, यहां तक कि बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों पर भी नजर डालें, जहां टैरिफ हमसे कम हैं, तो अंततः लोग अमेरिका में हमसे सामान नहीं खरीदेंगे, अगर उन्हें कहीं और सस्ता मिल सकता है। इसलिए यह अमेरिका को हमारे निर्यात के लिए बहुत अच्छा नहीं है। इसका मतलब है कि हमें उन देशों और बाजारों में गंभीरता से विविधता लाने की जरूरत है जो हमारी पेशकश में रुचि रखते हों। अब हमारा ब्रिटेन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता है। हम यूरोपीय संघ से बात कर रहे हैं। ऐसे कई देश हैं जहाँ हम उम्मीद करते हैं कि हम ऐसा कर पाएंगे, लेकिन अल्पावधि में, यह निश्चित रूप से एक झटका है।"

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