1 या 2 नवंबर कब मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी! क्या है सही तिथि और शुभ मुहूर्त, जानें भगवान विष्णु को भोग में क्या चढ़ाएं

Update: 2025-10-31 14:00 GMT

नई दिल्ली। साल 2025 में, देवउठनी एकादशी का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा, हालांकि कुछ पंचांगों के अनुसार उदया तिथि के आधार पर 2 नवंबर को भी यह मनाई जा सकती है। अधिकांश स्रोतों के अनुसार, 1 नवंबर को ही व्रत और पूजन का मुख्य दिन है।

तिथि और शुभ मुहूर्त

• एकादशी तिथि प्रारंभ: 1 नवंबर 2025 (शनिवार) को सुबह 09:11 बजे

• एकादशी तिथि समाप्त: 2 नवंबर 2025 (रविवार) को सुबह 07:31 बजे

• व्रत का पारण (Fast Breaking) समय: 2 नवंबर 2025 को दोपहर 01:11 बजे से शाम 03:23 बजे तक

महत्व

देवउठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है।

• इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं, जिसे चातुर्मास का अंत माना जाता है।

• भगवान के जागने के साथ ही सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य (जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि) फिर से शुरू हो जाते हैं, जिन पर चातुर्मास के दौरान रोक लगी होती है।

• इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप का तुलसी के साथ प्रतीकात्मक विवाह (तुलसी विवाह) भी कराया जाता है, जो अत्यंत शुभ माना जाता है।

पूजन विधि

1. सुबह स्नान: एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।

2. पूजा की तैयारी: घर के मंदिर या पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या लड्डू गोपाल को स्थापित करें, उन्हें सजाएं और रंगोली बनाएं।

3. दीपक जलाना: भगवान के सामने दीपक जलाएं।

4. प्रसाद अर्पित करना: भगवान विष्णु को मूली, सिंघाड़ा, गन्ना और मिठाइयाँ अर्पित करें।

5. देवोत्थान मंत्र: भगवान को जगाने के लिए हाथ जोड़कर निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

"उत्तिष्ठ कमलाकान्त त्रैलोक्यमङ्गलम् कुरु" (अर्थात: हे लक्ष्मीकांत! उठो, तीनों लोकों का मंगल करो।)

6. तुलसी विवाह: शाम के समय तुलसी के पौधे के पास भगवान शालिग्राम की स्थापना कर उनका विवाह कराएं। तुलसी के गमले को सजाएं, लाल चुनरी या कलावा बांधें।

7. व्रत और पारण: इस दिन निर्जला या फलाहारी व्रत रखें। अगले दिन (2 नवंबर) शुभ मुहूर्त में तुलसी दल या जल से पारण करें।

भगवान विष्णु को भोग में क्या चढ़ाएं

भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय है, इसलिए उन्हें इस दिन पीले रंग के फल और पीलें रंग की चीजों का भोग लगया जाता है। प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग का प्रसाद चढ़ाएं। भगवान विष्णु को आप पीले रंग की मिठाई, पेड़ा, लड्डू चढ़ा सकते हैं।

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