यूपी में आवारा कुत्तों के लिए योगी सरकार ने लाया नया कानून, जानें क्या खास है

योगी सरकार का यह निर्देश पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 और सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेशों पर आधारित है;

By :  Aryan
Update: 2025-09-09 14:30 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने शहरी क्षेत्रों में बढ़ते हुए पशुओं के संघर्ष पर, खासकर आवारा कुत्तों से पैदा होने वाली चुनौतियों को देखते हुए एक नया अध्यादेश जारी कर दिया है। इसके तहत नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों को आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए स्पष्ट दिशा दिया गया है।

सरकार का सराहनीय कदम बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए अहम

सरकार का यह सराहनीय कदम बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए अहम है। इसमें संरचित फीडिंग जोन, विवाद निस्तारण तंत्र, सतत नसबंदी कार्यक्रम और जागरूकता अभियानों पर बल दिया गया है। पशु कल्याण नियमों के तहत मानवीय दृष्टिकोण से भी बढ़ावा दिया गया है।

कुत्तों की समस्या बेहद गंभीर

उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों की समस्या बेहद गंभीर है। 2024 में मेरठ में 60,000, अमरोहा में 61,000 एवं लखनऊ में जून 2024 तक 4,000 से अधिक लोगों ने रेबीज के टीके लिए हैं। जिनमें बच्चों का प्रतिशत 30 था। इस आंकड़े से समस्या की गंभीरता दिखती है। आवारा कुत्तों के काटने की वजह से लोगों को स्वास्थ्य का खतरा हैं, इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में सामाजिक तनाव का कारण भी बन चुकी हैं। पशु प्रेमी और स्थानीय लोगों के बीच फीडिंग को लेकर हमेशा विवाद होते रहता है।

नई गाइडलाइंस की मुख्य विशेषताएं

योगी सरकार का यह निर्देश पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 और सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेशों पर आधारित है। इसके प्रमुख प्रावधान इस तरह के हैं-

संरचित फीडिंग जोन

हर वार्ड में कुत्तों की संख्या के आधार पर फीडिंग जोन बनाए जाएंगे, जो कि बच्चों के खेलने वाले मैदानों, स्कूलों, प्रवेश-निकास द्वारों और भीड़-भाड़ वाले जगहों से दूर होंगे। भोजन का उस वक्त तब निर्धारित होगा जबकि बच्चों और बुजुर्गों की गतिविधियां प्रभावित न हो।

विवाद निस्तारण तंत्र

फीडिंग जोन को लेकर निवासियों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं पशु प्रेमियों के बीच होने वाले विवादों के लिए एक समिति गठित की जाएगी। इसमें मुख्य रूप से पशु चिकित्सा अधिकारी और पुलिस शामिल होंगे। समिति अंतिम निर्णय लेगी और अनसुलझे मामले राज्य बोर्ड को भेजे जाएंगे।

नसबंदी और टीकाकरण

स्थानीय निकायों को नियमित नसबंदी और रेबीज टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। पशु प्रेमियों को इन कार्यक्रमों में सहयोग के लिए बुलाया जाएगा।

जागरूकता अभियान

स्थानीय निकायों को जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने और फीडिंग जोन पर सूचना बोर्ड लगाने के लिए कहा गया है। जबकि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।

पशु प्रेमियों की जिम्मेदारी

कुत्तों को भोजन देने वालों को केवल निर्धारित जोन में भोजन देना होगा और स्वच्छता का ध्यान रखना होगा। नियमों का पालन न करने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।


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