योगी सरकार की नई व्यवस्था से आसान हुई जमीनों की रजिस्ट्री, अब खुद तय कर सकेंगे स्टांप शुल्क
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने इस नई व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है। इससे वर्ष 2013 से लागू पुरानी दरों की जटिलता और विसंगतियां समाप्त हो जाएंगी।;
योगी सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। अब आम लोग खुद अपनी जमीन का मूल्यांकन कर सकेंगे और स्टांप शुल्क का हिसाब निकाल पाएंगे। इससे वकीलों और बिचौलियों के चक्कर से राहत मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत पूरे प्रदेश में अब सर्किल रेट केवल तीन आधारों पर तय होंगे – नगरीय, अर्द्ध नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र। पहले जहां 45 तरह की श्रेणियां थीं, अब उन्हें घटाकर केवल 15 कर दिया गया है।
स्टांप और पंजीयन विभाग ने यह नई व्यवस्था पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कर दी है। इससे 2013 से लागू जटिल दरों की समस्या खत्म हो जाएगी। स्टांप और पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि अब सभी रजिस्ट्री कार्यालयों में एक समान दर सूची लागू की जाएगी। सरकार ने सर्किल रेट निर्धारण की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बना दिया है।
उन्होंने कहा कि अब कृषि फार्म, आवासीय, वाणिज्यिक, मिश्रित संपत्ति, होटल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, कोचिंग सेंटर, सिनेमाहॉल आदि के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं। भवन की उम्र के अनुसार 20 से 50 प्रतिशत तक मूल्यह्रास की व्यवस्था की गई है।
महानिरीक्षक निबंधन नेहा शर्मा ने बताया कि पहले सर्किल रेट तय करने में विकसित, विकासशील और अविकसित जैसी कई श्रेणियां होती थीं, जिससे दरें असंगत होती थीं। अब केवल तीन श्रेणियों – नगरीय, अर्द्ध नगरीय और ग्रामीण – पर दरें तय की जाएंगी।
नई व्यवस्था के तहत जनता बिना किसी की मदद के अपनी संपत्ति का मूल्यांकन खुद कर सकेगी। भूमि का मूल्य सड़क से जुड़ाव और स्थान के आधार पर तय होगा। 1000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली संपत्तियों पर क्षेत्रफल के हिसाब से रियायत दी जाएगी। कृषि भूमि के मूल्यांकन में पेड़ों की संख्या और प्रकार का ध्यान रखा जाएगा।
औद्योगिक, आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों की दरों को अब एकीकृत कर दिया गया है। राज्य के सभी जिलों में समान दर नीति लागू होगी ताकि किसी भी क्षेत्र में मनमानी न हो सके। इस फैसले से जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया न केवल आसान होगी बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी।