देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर गाजियाबाद में विचार गोष्ठी का आयोजन
देवी अहिल्याबाई होलकर जी का जीवन संपूर्ण नारी समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका न्यायप्रिय, सेवा-भाव और महिला सशक्तिकरण की दिशा में किया गया कार्य आज भी प्रासंगिक है।;
गाजियाबाद। गीताांजलि वेलफेयर एजुकेशनल समिति के तत्वावधान में आज परमहंस पब्लिक स्कूल, संजय नगर में भारत की महान समाजसेविका एवं युगप्रेरणा देवी अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं जयंती के अवसर पर एक भव्य विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गरिमामयी कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया और देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन, उनके समाजोत्थान कार्यों और समकालीन समाज पर उनके प्रभाव पर विचार साझा किए।
मुख्य अतिथि मनीषा अहलावत, सदस्य, राज्य महिला आयोग, उत्तर प्रदेश ने कहा – "देवी अहिल्याबाई होलकर जी का जीवन संपूर्ण नारी समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका न्यायप्रिय, सेवा-भाव और महिला सशक्तिकरण की दिशा में किया गया कार्य आज भी प्रासंगिक है। ऐसे आयोजन आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास और संस्कारों से जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं।"
विशिष्ट अतिथि प्रदीप चौधरी, महानगर मीडिया प्रभारी, भाजपा ने कहा –"भारत के इतिहास में अहिल्याबाई होलकर जैसी महिलाओं का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने दिखा दिया कि नेतृत्व केवल सत्ता में नहीं, सेवा और समर्पण में होता है।" डॉ. रिचा सूद, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एवं शिक्षाविद, ने कहा –"अहिल्याबाई होलकर नारी शक्ति की प्रतीक थीं। शिक्षा, संस्कार और सेवा के क्षेत्र में उनके कार्यों को जानकर हम सभी प्रेरित होते हैं।"
बालकिशन गुप्ता, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय व्यापार मंडल, ने कहा –"देवी अहिल्याबाई ने व्यापार, धर्म, और संस्कृति का अद्वितीय समन्वय प्रस्तुत किया। उनके आदर्श आज के व्यापार जगत के लिए भी अनुकरणीय हैं।" विभा रावत, वरिष्ठ समाजसेवी, ने कहा –"अहिल्याबाई होलकर की दूरदर्शिता और नेतृत्व ने न केवल महिला सशक्तिकरण को दिशा दी, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को न्याय और समानता की भावना से जोड़ा।" बबली कसाना ने कहा –"अहिल्याबाई होलकर की शिक्षाएं आज के समाज के लिए मार्गदर्शक हैं। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हमें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।"
पार्षद शीतल चौधरी ने कहा –"देवी अहिल्याबाई होलकर का जीवन हमें सिखाता है कि सेवा और निष्ठा से किया गया कार्य समाज में अमिट छाप छोड़ता है। उनके विचार आज भी जनसेवा का मूल मंत्र हैं।" कार्यक्रम संयोजिका वंदना चौधरी, समाजसेविका, ने कहा –"हमारा उद्देश्य केवल स्मरण नहीं, बल्कि देवी अहिल्याबाई के विचारों को व्यवहार में लाना है। युवा पीढ़ी को ऐसे व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।" समिति की चेयरमैन रीता चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा –"देवी अहिल्याबाई होलकर का जीवन मानवीय मूल्यों, परंपराओं और सामाजिक न्याय का प्रतीक है। हमें उनके जीवन से यह सीखना चाहिए कि एक सशक्त समाज के निर्माण में नारी की क्या भूमिका हो सकती है।"
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया और देवी अहिल्याबाई होलकर जी की स्मृति में एक प्रेरणात्मक प्रदर्शनी भी प्रस्तुत की गई, जिसमें उनके जीवन की प्रेरणादायक झलकियां दिखाई गईं। कार्यक्रम के दौरान पार्षद राजू चौधरी, शिरोमणि त्यागी कौशल शर्मा, राम गुप्ता, एडवोकेट शबनम खान, पंडित अशोक भारतीय, आशु पंडित, राजकुमार चौधरी, सियाराम यादव, बीपी गर्ग सहित सैकड़ो की संख्या में मातृशक्ति मौजूद रहे।