अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 137वीं जयंती पर मनाया शिक्षक सम्मान दिवस

गुरु ही ज्ञान के दीपक की बाती होता है जो खुद जलकर संसार को ज्ञान से प्रकाशित करता है।;

By :  Aryan
Update: 2025-09-05 10:22 GMT

गाजियाबाद। आज शिक्षक दिवस के मौके पर संत निवास सीईएफ ब्लॉक के नेहरू नगर स्थित अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान जानकी वाटिका में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 137वीं जयंती पर शिक्षक सम्मान दिवस का आयोजन किया गया। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के प्रदेश अध्यक्ष एवं मंच संचालक प्रवीण आर्य ने ओ३म् की ध्वनि और गायत्री मंत्र से योग सत्र की शुरूआत की है। इस अवसर पर गायिका सुमन बंसल और जॉली शर्मा ने अपने गीतों से समा बांध दिया। शांति पाठ करने के बाद प्रसाद वितरण किया गया।

शिक्षक खुद जलकर छात्रों को प्रकाशित करता है

प्रवीण आर्य ने कहा शिक्षक खुद जलकर छात्रों को प्रकाशित करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक वही होते हैं जो छात्रों को शिक्षित करने के साथ ही उसे ज्ञान देकर सभ्य एवं सफल इंसान बनाए। इसे दूसरी भाषा में ऐसे कह सकते हैं कि शिक्षक एक शिल्पकार होता है जो पत्थर को तराशने के बाद उसे सुंदर आकृति देता है। शिक्षक हमेशा अपने छात्रों के हित की कामना करता है। छात्र को क्षमतावान बनाने के लिए, शिक्षक का गुणवान होना जरूरी है। उन्होंने छात्रों को वीरेचन क्रिया, आर्ट ऑफ लिविंग भस्रिका एवं हाथों पैरों के सुक्ष्म व्यायाम भी कराए।

वरिष्ठ योग शिक्षिका वीना वोहरा ने कहा- माता पिता एवं गुरु ही सच्चे पथप्रदर्शक

वरिष्ठ योग शिक्षिका वीना वोहरा ने कहा कि माता पिता एवं गुरु ही सच्चे पथप्रदर्शक हैं। अगर कहा जाए कि माता पिता ईश्वर के समान है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। माता पिता और गुरु ही जीवन जीने की कला का अच्छे से मार्गदर्शन करते हैं। गुरु ही ज्ञान के दीपक की बाती होता है जो खुद जलकर संसार को ज्ञान से प्रकाशित करता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर हम सभी को संकल्प लेना होगा कि हम शिक्षकों को पूरा सम्मान देंगे, सही मायनों में शिक्षक दिवस मनाना तभी सफल होगा।

योग शिक्षिका मीनाक्षी अग्रवाल ने कहा

योग शिक्षिका मीनाक्षी अग्रवाल ने कहा कि सर्वप्रथम शिक्षक ही अपने छात्र को संस्कार की शिक्षा देते हैं। जिससे छात्र एक संस्कारवान इंसान बन सके। शिक्षक अपने छात्रों को देश से प्रेम करना भी सिखाता है। देश से हमें सभी जरूरत की चीजें मिलती है, तो हमारा भी दायित्व बनता है कि हम भी देश के लिए कुछ खास कार्य करें। शिक्षक अपने छात्रों को उन्हें उनके कर्तव्यों तथा अधिकार का बोध कराते हैं। शिक्षक ही हैं जो अपने छात्रों को आग में तपा कर, सर्दी में ठिठुराकर और ज्ञान की वर्षा में डुबोकर उन्हें होनहार व्यक्ति बनाते हैं। छात्रों के चरित्र निर्माण और उन्हें अनुशासित करने में शिक्षक की भूमिका अहम होती है। अच्छे छात्र ही आगे चलकर सही समाज का निर्माण करते हैं। देश को उन्नति के रास्ते पर ले जाने के लिए छात्रों को अनुशासित होना जरूरी है। इसलिए अगर एक शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा जाए तो बिल्कुल सही है।

वहीं योगाचार्य नेतराम ने कहा कि शिक्षक केवल वही नहीं होता है जो हमे सिर्फ स्कूल,कॉलेजों में पढ़ाये,शिक्षक वो भी है जो हमे जीवन जीने की कला सिखाता है।

योग साधिका अम्बिका गर्ग ने कहा

योग साधिका अम्बिका गर्ग ने कहा कि आज भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की 137वीं जयंती है। उन्हे बचपन से ही किताबों से बहुत लगाव था। डॉं सर्वपल्ली राधाकृष्णन पूरे विश्व को एक विद्यालय मानते थे। उनका कहना था कि शिक्षा के माध्यम से ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। वहीं योग शिक्षिका विभा भारद्वाज ने कहा कि शिक्षक देश के भविष्य और युवाओं के जीवन को बनाने और उसे आकार देने के लिये सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

योगी राम प्रकाश गुप्ता ने कहा

योगी राम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक मुख्य अंग है। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु और शिक्षक परंपरा चली आ रही है। शिक्षक ही हमें जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं और सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

इस अवसर पर सर्वश्री राजकुमार चौधरी, सत्यम भारद्वाज,जॉली शर्मा,वीनस गोयल आदि ने भी अपने विचार पेश किए। श्रीमती भारती अग्रवाल, अल्का सिंह, सरोज, नीलम एवं सुषमा आदि भी आयोजन में शामिल हुए।


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