दिल्ली धमाके में 40 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल, एंटी टेरर सम्मेलन में अमित शाह का बड़ा खुलासा
शाह ने कहा कि यह कोई सामान्य आपराधिक मामला नहीं था, बल्कि अत्यंत गंभीर आतंकी साजिश थी, जिसकी जांच सुरक्षा एजेंसियों ने असाधारण तरीके से की है।;
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को आयोजित आतंकवाद रोधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली और कश्मीर से जुड़े आतंकी मामलों पर कई अहम खुलासे किए। उन्होंने बताया कि लाल किला के पास हुए कार धमाके में करीब 40 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। शाह ने कहा कि यह कोई सामान्य आपराधिक मामला नहीं था, बल्कि अत्यंत गंभीर आतंकी साजिश थी, जिसकी जांच सुरक्षा एजेंसियों ने असाधारण तरीके से की है।
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि पहलगाम और दिल्ली में हुए विस्फोटों को सामान्य ‘पुलिसिंग’ के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। ये दोनों मामले देश की आंतरिक सुरक्षा से सीधे जुड़े थे और इनकी जांच में खुफिया एजेंसियों तथा सुरक्षा बलों ने उच्च स्तरीय समन्वय और पेशेवर क्षमता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि इन मामलों की जांच आने वाले समय में दुनिया की कई सुरक्षा एजेंसियों के लिए अध्ययन का विषय बनेगी।
अमित शाह ने आतंकवाद से निपटने के लिए पूरे देश में एक साझा आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ऐसा मजबूत और अभेद्य ‘आतंकवाद निरोधी ग्रिड’ तैयार करना है, जो हर तरह की चुनौती का सामना कर सके। शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में संगठित अपराध और आतंकवाद पर 360 डिग्री प्रहार की रणनीति अपनाई जाएगी, जिससे अपराधियों और आतंकियों को किसी भी स्तर पर पनपने का मौका न मिले।
गृह मंत्री ने बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को देश को झकझोर देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस हमले का मकसद देश में सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना और कश्मीर में विकास तथा पर्यटन के नए दौर को बाधित करना था। शाह ने बताया कि बहुत सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकियों को मार गिराया और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि यह पहली आतंकी घटना थी, जिसमें साजिश रचने वालों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत दंडित किया गया और आतंक को अंजाम देने वालों को ‘ऑपरेशन महादेव’ में समाप्त किया गया। अमित शाह ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार, सुरक्षा बलों और जनता ने मिलकर पाकिस्तान के आतंकी आकाओं को करारा जवाब दिया है।
अपने भाषण में गृह मंत्री ने आतंकवादियों और संगठित अपराधियों के डेटाबेस को ‘ज़ीरो टेरर’ की दिशा में एक मुख्य संपत्ति बताया। उन्होंने सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से अपील की कि वे इस डेटाबेस के प्रारूप को पूरी तरह लागू करें। साथ ही उन्होंने ‘अनुपस्थिति में मुकदमे’ (ट्रायल इन एब्सेंटिया) को लेकर चल रहे विवादों से न घबराने की सलाह दी और कहा कि इससे भगोड़े अपराधियों को देश लौटने के लिए मजबूर किया जा सकेगा।
अंत में अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों और राज्यों की पुलिस को मिलकर ‘टीम इंडिया’ की तरह काम करना होगा। जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे चुनौतियां भी बढ़ेंगी। ऐसे में यह सभी की जिम्मेदारी है कि देश की सुरक्षा के लिए एक ऐसा मजबूत आतंकवाद निरोधी ढांचा तैयार किया जाए, जिससे भविष्य की पीढ़ियां सुरक्षित भारत में सांस ले सकें।