Air Pollution: Delhi AIIMS में बढ़ी मरीजों की संख्या, एम्स के डॉक्टर ने दी चेतावनी! सुरक्षा को लेकर दी आवश्यक सलाह
Delhi AIIMS के OPD में ऐसे मरीज भी आ रहे हैं, जिन्हें पहले कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अब उन्हें खांसी, गले में खराश और जुकाम जैसी समस्याएं हो रही हैं।;
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण, कोहरा, और धुंध वाली सर्दी छाई है। वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर चिंता का विषय बन चुका है। इतना ही नहीं इसका असर लोगों की सेहत पर भी दिखाई देने लगा है। इस वजह से अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। इस कड़ी में दिल्ली एम्स के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट ने जानकारी दी है कि अस्पताल की ओपीडी में सांस से जुड़े मरीजों की संख्या में इजाफा हो रही है।
अस्थमा और COPD जैसी बिमारियों का खतरा
दरअसल डॉ. मित्तल ने बताया कि बीता हुआ रविवार इस साल का सबसे अधिक AQI वाला दिन रहा है। रविवार को दिल्ली का औसत एक्यूआई 461 थी। इस गंभीर हालात को देखते हुए, उन्होंने लोगों को सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रदूषण का यह लेवल लंबे समय तक बना रहा, तो ऐसे में अस्थमा और COPD जैसी गंभीर बिमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाएगा।
पुराने मरीजों में अटैक की आवृत्ति बढ़ी
जानकारी के अनुसार, OPD में ऐसे मरीज भी आ रहे हैं, जिन्हें पहले कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अब उन्हें खांसी, गले में खराश और जुकाम जैसी समस्याएं हो रही हैं। वहीं, अस्थमा या COPD के पुराने मरीजों में अटैक की आवृत्ति बढ़ गई है, जिसके लिए उन्हें इनहेलर, नेबुलाइजर के अलावा ओरल स्टेरॉइड्स भी देने पड़ रहे हैं।
बच्चों और बुजुर्गों में बढ़ा खतरा
डॉक्टर ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह प्रदूषण सभी को प्रभावित करता है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह सबसे अधिक समस्या पैदा करता है। छोटे बच्चों और वृद्ध लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से वे प्रदूषण जनित बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहने पर अस्थमा और COPD जैसी बीमारियां विकसित होने की आशंका बढ़ाती है।
घर के अंदर रहें और दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें
प्रदूषण से बचाव का सबसे अच्छा तरीका यह है कि जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो, तब तक बाहर न जाएं। यदि आपको बाहर जाना ही पड़े, तो N95 मास्क पहनें। इसके अलावा, लोगों को घर के अंदर ही रहने और अपने खिड़कियों तथा दरवाज़ों को बंद रखने की सलाह दी गई है ताकि प्रदूषित हवा घर में प्रवेश न कर सके।
एयर प्यूरीफायर का करें उपयोग
डॉ. मित्तल ने कहा कि यदि संभव हो और अगर आपका कमरा छोटा है, तो आप एयर प्यूरीफायर का उपयोग कर सकते हैं। एयर प्यूरीफायर कमरे के अंदर की हवा की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है, जिससे घर के भीतर सांस लेने में आसानी होती है। यह उन लोगों के खास है जो पहले से ही सांस की बीमारियों से पीड़ित हैं।
गौरतलब है कि डॉक्टर ने यह सलाह दी किव यदि किसी को लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, या गले में गंभीर खराश जैसे लक्षण महसूस हों, तुरंत किसी डॉक्टर से परामर्श लें।