भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अखिलेश यादव का बड़ा बयान, इस खतरे को लेकर किया सतर्क

अखिलेश ने बढ़ते साइबर क्राइम और संवेदनशील सूचनाओं के साझा होने को लेकर सरकार को सतर्क किया है। उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।;

Update: 2025-05-09 10:30 GMT

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारत सरकार को एक अहम मुद्दे को लेकर सतर्क किया है। अखिलेश ने बढ़ते साइबर क्राइम और संवेदनशील सूचनाओं के साझा होने को लेकर सरकार को सतर्क किया है। उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

अखिलेश यादव ने एक्स पर किया पोस्ट

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, “आज के युग में जबकि लगभग हर हाथ में मोबाइल है; हर तरह के जमीनी, हवाई वाहनों और जलपोतों तक में जीपीएस लगा है और हर तरह की गतिविधि चाहे वो शासनिक-प्रशासनिक हो; बैकिंग हो या विविध संवेदनशील सूचनाओं का आदान-प्रदान, सब कुछ तो इंटरनेट पर ही निर्भर कर रहा है, ऐसे में कम्युनिकेशन एक बेहद संवेदनशील मुद्दा बन जाता है।”

उन्होंने आगे लिखा, “साइबर क्राइम का अपराध निरंतर बढ़ रहा है, जिससे बड़ी से बड़ी कंपनियां हैक हो रही हैं और आम आदमी ठगा जा रहा है। ये ठीक है कि टेक्नोलॉजी का विकास वैश्विक होता है और जो तकनीकी के क्षेत्र में सबसे अधिक विकसित होता है उससे तकनीकी ली जाती है लेकिन ऐसी सेवाओं पर देश की सरकार का ‘निर्णायक नियंत्रण’ हर हाल में संभव होना ही चाहिए, जिससे सरकार चाहे तो किसी आपातकाल या विपरीत परिस्थितियों या खराब हालातों में ऐसी विदेशी कंपनियों पर तत्काल नियंत्रण कर सके।”

ऐसे गंभीर मुद्दों पर ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत

अखिलेश ने आगे लिखा, “वैश्विक संबंध चूंकि सिर्फ अपने हाथ में नहीं होते हैं, इसीलिए इस क्षेत्र में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है। ‘अंतरराष्ट्रीय संबंधों’ में हम कभी ये नहीं कह सकते हैं कि कोई किसी का स्थायी मित्र है क्योंकि दूसरे देशों में भी राजनीतिक परिस्थितियां और आर्थिक नीतियां स्थायी नहीं होती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंध व्यक्तिगत नहीं होते हैं और अगर किसी काल विशेष में कुछ समय के लिए हो भी जाएं तो भी वो हमेशा स्थायी रहें, इसकी ‘गारंटी’ कोई भी नहीं दे सकता है। इसीलिए ऐसे गंभीर मुद्दों पर कुछ ज्यादा ही एहतियात बरतने की जरूरत होती है। आज के जमाने में क्या कोई ये मानकर चल सकता है या कभी भी ये कहने की स्थिति में हो सकता है कि कोई हमारा ‘परमानेंट फ्रेंड’ है।”

Tags:    

Similar News