अमित शाह ने बताया अपना रिटायरमेंट प्लान! कहा- प्राकृतिक खेती एक प्रकार का वैज्ञानिक प्रयोग है... युवाओं की दिया यह संदेश
गृह मंत्री कहा है कि मैंने तय किया है कि जब भी रिटायर हो जाऊंगा, तो मैं बाकी का जीवन प्राकृतिक खेती के काम में लगा दूंगा।;
नई दिल्ली। हमारे देश में राजनेताओं के रिटायरमेंट की उम्र तय नहीं है। राजनेताओं के रिटायरमेंट को लेकर हमेशा चर्चा होती रहती है। भारतीय संविधान के अनुसार, कोई व्यक्ति किसी भी उम्र तक चुनाव लड़ सकता है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना रिटायरमेंट प्लान बता दिया है।
देश की प्रगति में योगदान देने के लिए 40-50 साल हैं
इतना ही नहीं गृह मंत्री ने अपना फ्यूचर प्लान साझा किया है। अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा है कि मैंने तय किया है कि जब भी रिटायर हो जाऊंगा, तो मैं बाकी का जीवन प्राकृतिक खेती के काम में लगा दूंगा। शाह ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद का अपना जीवन में वेद, उपनिषद पढ़ने और प्राकृतिक खेती के लिए खर्च करूंगा। उन्होंने कहा कि ये प्राकृतिक खेती, एक प्रकार का वैज्ञानिक प्रयोग है जो कई प्रकार के फायदे देती है। इस दौरान अमित शाह ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए दो घंटे शारीरिक व्यायाम और छह घंटे की नींद का नियम अपनाएं। उन्होंने कहा कि युवाओं के पास देश की प्रगति में योगदान देने के लिए अभी 40-50 साल हैं।
उर्वरक वाला गेहूं खाने से कैंसर होता है
बता दें कि अमित शाह ने कहा कि उर्वरक वाला गेहूं खाने से कैंसर होता है। बीपी बढ़ता है। थायरॉइड की प्रॉब्लम होती है। खाने वाले शख्स के शरीर को अच्छा बनाए रखने के लिए बिना फर्टिलाइजर वाला भोजन करना जरूरी है, अगर ऐसा होगा तो इसका मतलब दवाइयों की जरूरत ही नहीं होगी। गृह मंत्री ने आगे कहा कि इससे उत्पादन भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि मेरे खेत में मैंने प्राकृतिक खेती अपनाई है, आज मेरे अनाज उत्पादन में लगभग डेढ़ गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। अमित शाह फिलहाल राजनीतिक जीवन में सक्रिय है, लेकिन वो अभी भी अपनी जमीन पर प्राकृतिक खेती करते हैं।