Bangladesh Election:तारिक रहमान के आते ही बांग्लादेश में सियासी हलचल शुरू, 2 पार्टी हुई एकजुट...

बांग्लादेश में धार्मिक ध्रुवीकरण चरम पर है और कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टियां इस माहौल का पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।;

Update: 2025-12-26 15:00 GMT

नई दिल्ली। बांग्लादेश में फरवरी में चुनाव होने वाला है। इस वजह से सियासी राजनीतिक गातिविधियों में तेजी देखी जा रही है। BNP के कार्यकारी अध्यक्ष और देश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान का अपने मुल्क वापसी करना खास माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, बीएनपी बांग्लादेश की सबसे बड़ी पार्टी है, इस वजह से अन्य दलों में गठबंधन की तैयारी चल रही है। उनकी वापसी ने बांग्लादेश की कट्टर बता दें कि तारिक की वापसी ने इस्लामिक पार्टियों के बीच हलचल पैदा कर दी है। दरअसल तारिक रहमान चुनाव में प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।

जमात और एनसीपी हैं भारत के खिलाफ

जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में पाकिस्तान के पिट्ठू के तौर पर काम करती है और शुरू से ही भारत का विरोध करती आई है। वहीं एनसीपी का गठन बीते साल शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन करने वाले छात्र नेताओं ने किया है। इस दल के नेता भी शुरुआत से ही भारत के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं।

बांग्लादेश में धार्मिक ध्रुवीकरण चरम पर है

बता दें कि बांग्लादेश में धार्मिक ध्रुवीकरण चरम पर है और कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टियां इस माहौल का पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। लेकिन तारिक रहमान की वजह से खेल न बिगाड़ जाए। इसलिए सब एक साथ मिलकर पूरी ताकत लगाने की प्लानिंग में हैं। जुलाई विद्रोह के एक नेता और छात्र आंदोलन के पूर्व समन्वयक अब्दुल कादेर के मुताबिक, एनसीपी इस समय संसदीय चुनाव से पहले जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रही है। कादेर ने कहा कि यह वही आंदोलन था, जिसके चलते पिछले साल तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था।

जमात के साथ सीट शेयरिंग पर सहमति

NCP नेताओं ने कहा कि पार्टी की टॉप लीडरशिप ने सीट-शेयरिंग को लेकर जमात के सीनियर नेताओं के साथ बातचीत की है। दरअसल NCP ने शुरू में 50 सीटों की मांग की थी, लेकिन बातचीत के बाद 30 सीटों पर सहमत हो गई। बांकी सीटों पर पार्टी उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इन सीटों पर वो जमात के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी। वहीं NCP का एक समूह जमात के साथ गठबंधन के विरोध कर रहा है।

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