बिहार में आचार संहिता लागू: मंत्रियों से छिनेंगी सुविधाएं, जनता को मिलेगा ये अधिकार, जान लें क्या दिए गए हैं निर्देश

Update: 2025-10-08 10:17 GMT

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। एक तरफ जहां सियासी दलों में सीट बंटवारे को लेकर उठापटक शुरू हो गया है तो वहीं दूसरी ओर बिहार में आचार संहिता लागू हो गया। वहीं आचार संहिता का मकसद निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना होता है। इस दौरान कुछ ऐसे काम हैं जो आप नहीं कर सकते हैं। अगर किया तो कानूनी पचरे में पड़ सकते हैं। खासकर राजनीतिक दलों के लिए भी कई ऐसे नियम हैं जिसे करने से अपेक्षित कार्रवाई हो सकती है।

सरकारी वेबसाइटों से नेताओं की तस्वीरें हटाई जाएंगी

बता दें कि राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा तथा मतगणना 14 नवंबर होगी। वहीं अब मंत्री सरकारी सुविधाओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे। सरकारी वेबसाइटों से नेताओं की तस्वीरें हटाई जाएंगी। मतदान केंद्रों के पास प्रचार पर रोक रहेगी। नई योजनाओं पर रोक रहेगी और भड़काऊ बयानों पर नियंत्रण रखा जाएगा। सभा और जुलूस के लिए अनुमति लेना जरूरी होगा।

चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के निर्देश किए जारी

-मुख्य निर्वाचन अधिकारी को राज्य में आदर्श आचार संहिता (MCC) तत्काल लागू होने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। जहां तक बिहार के लिए घोषणाओं/नीतिगत निर्णयों का संबंध है, यह आदर्श आचार संहिता केंद्र सरकार पर भी लागू होगी।

-मैदान और हेलीपैड जैसे सार्वजनिक स्थान सभी दलों के लिए समान रूप से समान शर्तों पर उपलब्ध होने चाहिए। ECINET पर सुविधा मॉड्यूल सक्रिय कर दिया गया है जहां राजनीतिक दल ऐसे सार्वजनिक स्थानों के उपयोग के लिए आवेदन कर सकते हैं जिन्हें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर अलॉट किया जाना चाहिए।

-वहीं चुनाव आयोग ने सरकारी, सार्वजनिक और निजी संपत्ति से विरूपण हटाने, किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या चुनाव से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति द्वारा सरकारी वाहनों या सरकारी आवास के दुरुपयोग, सरकारी खजाने की कीमत पर विज्ञापन जारी करने पर प्रतिबंध से संबंधित निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

-भूमि, भवन या दीवारों का उपयोग मालिक की सहमति के बिना झंडे, बैनर या पोस्टर लगाने के लिए नहीं किया जाएगा। नागरिकों की निजता का सम्मान किया जाना चाहिए, निजी आवासों के बाहर कोई प्रदर्शन या धरना नहीं दिया जाना चाहिए।

-एक शिकायत निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है, जिसमें एक कॉल सेंटर नंबर 1950 भी शामिल है, जिसके माध्यम से कोई भी आम आदमी या राजनीतिक दल संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी/क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करा सकता है। यह अब 24X7 चालू है।

-नागरिक/राजनीतिक दल ECINET पर C-Vigil ऐप का उपयोग करके आदर्श आचार संहिता उल्लंघनों की रिपोर्ट भी कर सकते हैं। शिकायतों का 100 मिनट के भीतर समाधान सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में 824 उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं।

-राजनीतिक दलों को ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को सुचारू बनाने, निषेधाज्ञा का पालन करने और लाउडस्पीकर या अन्य सुविधाओं के लिए आवश्यक अनुमति प्राप्त करने हेतु सभाओं और जुलूसों की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देनी होगी।

-मंत्री चुनाव प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी, परिवहन या कर्मियों का उपयोग नहीं करेंगे। आयोग ने आगे निर्देश दिया है कि चुनाव संचालन से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध रहेगा।

-सभी स्तरों के अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता को लागू करने, सभी दलों के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करने और आधिकारिक सुविधाओं के दुरुपयोग को रोकने में निष्पक्षता से कार्य करने का निर्देश दिया गया है। उन्हें सभाओं, जुलूसों और मतदान व्यवस्थाओं का निष्पक्ष रूप से नियमन करना होगा, कानून-व्यवस्था की रक्षा करनी होगी और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनाए रखनी होगी।

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