बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: 2 सितंबर तक खाली हों मुंबई की सड़कें, मराठा आरक्षण आंदोलन पर सख्ती
कोर्ट ने आंदोलनकारी मनोज जरांगेपाटिल और उनके समर्थकों को निर्देश दिया कि मुंबई की सभी सड़कें 2 सितंबर तक खाली कर दी जाएं और साफसफाई सुनिश्चित की जाए।;
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण शहर में बने हालात को गंभीर बताते हुए बड़ा आदेश दिया। कोर्ट ने आंदोलनकारी मनोज जरांगेपाटिल और उनके समर्थकों को निर्देश दिया कि मुंबई की सभी सड़कें 2 सितंबर तक खाली कर दी जाएं और साफसफाई सुनिश्चित की जाए।
आंदोलन को ‘गैरशांतिपूर्ण’ बताया
हाईकोर्ट ने कहा कि आंदोलनकारियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की शर्तों का उल्लंघन किया है। आंदोलनकारियों को आज़ाद मैदान पर प्रदर्शन करने की अनुमति थी, लेकिन उन्होंने दक्षिण मुंबई के कई प्रमुख इलाकों में भीड़ जमा कर दी।
जस्टिस रविंद्र घुगे और जस्टिस गौतम अंकल की पीठ ने कहा:
“हाईकोर्ट भवन को चारों ओर से घेर लिया गया है।”
“जजों और वकीलों के प्रवेश द्वार ब्लॉक कर दिए गए।”
“जजों की गाड़ियां भी रोकी गईं, जिससे कोर्ट का कामकाज प्रभावित हुआ।”
जरांगेपाटिल की ‘अनशन की धमकी’ पर सवाल
कोर्ट ने कहा कि जरांगेपाटिल का ‘मरते दम तक उपवास’ और “मुंबई न छोड़ने” का ऐलान सीधी धमकी है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि “आखिर सरकार सड़कों को खाली क्यों नहीं करवा रही?”
27 अगस्त के आदेश की याद दिलाई
कोर्ट ने कहा कि उसने पहले ही 27 अगस्त को आदेश दिया था कि सभी प्रदर्शन कानून के अनुसार और निर्धारित स्थान पर ही हों। इसके बावजूद आंदोलनकारी सीएसएमटी स्टेशन तक पहुंच गए और वहां ढोलनगाड़ों के साथ नाचतेगाते नज़र आए।
सरकार और मंत्रियों की अपील
महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विके पाटिल ने भी आंदोलनकारियों से अपील की कि वे आज़ाद मैदान में ही धरना दें।
उन्होंने कहा: “किसी के विरोध के अधिकार को छीना नहीं जा रहा।”
“लेकिन रेलवे स्टेशन या सड़कों पर आंदोलन करना गलत है।”
“ऐसे तरीकों से पूरा समाज बदनाम होता है।”