आल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा-जुलूस-ए मोहम्मदी में नाच-गाना हराम, इस्लाम में डांस करना शैतानी कार्य...

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जुलूस पैगम्बरे इस्लाम के जन्मदिन की खुशी में निकाला जाता है, इसलिए इसे शुद्धता के साथ एवं शरियत का पालन करते हुए मनाना चाहिए;

By :  Aryan
Update: 2025-09-01 11:11 GMT

बरेली। बरेली में 5 सितंबर को ईद मिलादुन्नबी के मौके पर निकाला जाने वाला जुलूस-ए मोहम्मदी की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। इसी को लेकर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुस्लिमों से अनुरोध किया है कि जुलूस के दौरान शांति बनाएं रखें, साथ ही शहर में अमन-चैन के संदेश को बढ़ावा दें। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जुलूस पैगम्बरे इस्लाम के जन्मदिन की खुशी में निकाला जाता है, इसलिए इसे शुद्धता के साथ एवं शरियत का पालन करते हुए मनाना चाहिए।

डीजे और नाच-गाने से करें परहेज

मौलाना रजवी ने चेतावनी देते हुए कहा डीजे और नाच-गानों से परहेज करें। पिछले सालों में कुछ लोगों को जुलूस में डीजे बजाकर, गानों पर नाचते-झूमते और रुमाल लहराते देखा गया है, जो शरियत में नाजायज और हराम है। उन्होंने साफ कहा कि इस्लाम में गाना-बजाना और डांस करना शैतानी कार्य माना गया है। ऐसे लोगों को जुलूस में शामिल नहीं होने दिया जाए, अगर कोई जबरन डीजे लाता है, तो उसे बाहर कर दिया जाए। जुलूस निकालने का मकसद पैगम्बरे इस्लाम के संदेश को संसार में फैलाना है, न कि शैतानी कर्मों को बढ़ावा देना।

शांति और पवित्रता पर जोर

मौलाना ने मुसलमानों से आग्रह किया है कि वे जुलूस के दौरान भड़काऊ नारे या बयानबाजी से बचें। उन्होंने घरों सजाकर और मस्जिदों में जाकर समय पर नमाज अदा करने को कहा है। इसके अलावा खाने-पीने की चीजों की बेकद्री न करने की सलाह दी है। उन्होंने सभी मुसलमानों से शांति बनाए रखने और शरियत की हद में रहने को कहा है।

गुनाहों से करें तौबा

आगे मौलाना रजवी ने कहा कि कयामत के दिन सभी मुसलमान को खुदा और उनके रसूल के सामने जवाब देना होगा। इसलिए, सभी को गुनाहों से तौबा करना चाहिए। नाजायज और हराम के काम कभी नहीं करना चाहिए।


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