IRCTC घोटाले में लालू परिवार खिलाफ आरोप तय, तेजस्वी-लालू-रबड़ी पर चलेगा केस, जानें कोर्ट ने क्या कहा

Update: 2025-10-13 05:38 GMT

नई दिल्ली। लालू यादव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। लालू परिवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राजद नेता तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए हैं। यह मामला रांची और पुरी स्थित दो आईआरसीटीसी होटलों के टेंडर में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। वहीं इसके साथ ही बिहार में सियासी घमासान मच गया है।

इन धाराओं में तय किए आरोप 

जिन धाराओं के तहत आरोप तय किए है, उनमें IPC 420, IPC 120B, प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) शामिल हैं। बता दें कि प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) सिर्फ लालू यादव पर लगी है क्योंकि उन्होंने सरकारी पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया है।

आरोपी व्यापक साजिश में शामिल थे

दरअसल, कोर्ट ने माना कि लालू यादव की जानकारी में इस घोटाले की साजिश रची गई। कोर्ट ने कहा इस मामले में आरोपी व्यापक साजिश में शामिल थे। लालू फैमिली को इस मामले में फायदा पहुंचा। कॉन्ट्रेक्ट देने के बदले राबड़ी और तेजस्वी को बेहद कम कीमत पर जमीन मिली। इस मामले में quid pro का आरोप इस स्टेज पर नजर नहीं आ रहा है। 

आरोपियों को तारीख पर पेश होने का दिया था निर्देश

बता दें कि 24 सितंबर को विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य आरोपियों को तारीख पर पेश होने का निर्देश दिया था। अदालत ने मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 29 मई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट में सुनवाई के दौरान लालू यादव ने कहा कि मैं दोषी नहीं हूं।  

मामले में कुल 14 आरोपी

वहीं कोर्ट के आदेश से ही यह तय होगा कि इस मामले में लालू परिवार के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा चलेगा या नहीं। इस मामले में कुल 14 आरोपी हैं। आज अदालत तय करेगी कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएं या उन्हें बरी किया जाए। यह मामला 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव के ठेकों के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है। हालांकि बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। 

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