अमेरिका-दक्षिण कोरिया की पनडुब्बी योजना पर भड़का चीन, दो देशों को दी खुली चेतावनी

यह कड़ी प्रतिक्रिया अमेरिकी नौसेना के अधिकारी एडमिरल डेरिल कॉडल के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि दक्षिण कोरिया द्वारा अमेरिकी सहयोग से बनाई जाने वाली परमाणु पनडुब्बियों का उपयोग बीजिंग का मुकाबला करने के लिए किया जाएगा।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-11-17 18:10 GMT

चीन एक बार फिर अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सैन्य साझेदारी को लेकर भड़क उठा है। बीजिंग ने सोमवार को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर दोनों देश मिलकर बनाई जा रही परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों का इस्तेमाल चीन को नियंत्रित करने या दबाव में लेने के लिए करते हैं, तो चीन भी चुप नहीं बैठेगा। चीन ने कहा कि ऐसी स्थिति में वह अमेरिका और दक्षिण कोरिया—दोनों के प्रति अपना नजरिया बदल सकता है।

यह कड़ी प्रतिक्रिया अमेरिकी नौसेना के अधिकारी एडमिरल डेरिल कॉडल के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि दक्षिण कोरिया द्वारा अमेरिकी सहयोग से बनाई जाने वाली परमाणु पनडुब्बियों का उपयोग बीजिंग का मुकाबला करने के लिए किया जाएगा।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इस बयान का जवाब देते हुए उम्मीद जताई कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया विवेकपूर्ण तरीके से इस मुद्दे को संभालेंगे। वहीं सियोल में चीन के राजदूत दाई बिंग ने चेतावनी देते हुए कहा कि दोनों देश अपने गठबंधन का दायरा चीन को घेरने के लिए न बढ़ाएँ, क्योंकि यह कदम उनके घोषित उद्देश्य—उत्तर कोरिया से खतरों का सामना करने—से बिल्कुल अलग हो जाएगा।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दाई बिंग के हवाले से लिखते हुए कहा कि अगर दक्षिण कोरिया-अमेरिका गठबंधन के सामरिक उद्देश्यों में बदलाव होता है, तो इस गठबंधन के प्रति चीन का नजरिया भी बदलना तय है।

उधर अमेरिकी एडमिरल कॉडल ने दक्षिण कोरियाई मीडिया से कहा कि उन्हें यह स्वाभाविक लगता है कि नई पनडुब्बियों का उपयोग चीन का मुकाबला करने के लिए किया जाएगा। दक्षिण कोरियाई एजेंसी योनहाप ने कॉडल के हवाले से लिखा कि अमेरिका यह उम्मीद करेगा कि दक्षिण कोरिया वैश्विक स्तर पर इन पनडुब्बियों की तैनाती में भाग ले और अपनी नौसेना को क्षेत्रीय स्तर से आगे ले जाए।

यह पूरा विवाद उस घोषणा के तुरंत बाद सामने आया है जिसमें दक्षिण कोरिया ने बताया कि वह अमेरिका की साझेदारी में परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों के निर्माण को लेकर एक अहम समझौते को अंतिम रूप दे चुका है। चीन का कहना है कि यदि यह परियोजना उनकी सुरक्षा के खिलाफ जाती है, तो वह अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करने को मजबूर होगा।

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