यूरोप के हवाई अड्डों पर साइबर अटैक का असर, एयर इंडिया ने दी सफाई

लंदन का हीथ्रो, ब्रसेल्स और बर्लिन एयरपोर्ट सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जहां चेक-इन और बोर्डिंग की स्वचालित प्रणालियां ठप हो गईं।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-09-20 19:30 GMT

यूरोप के कई बड़े हवाई अड्डों पर साइबर अटैक के चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। लंदन का हीथ्रो, ब्रसेल्स और बर्लिन एयरपोर्ट सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जहां चेक-इन और बोर्डिंग की स्वचालित प्रणालियां ठप हो गईं। इसके कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और यात्रियों को लंबा इंतजार झेलना पड़ा।

क्या हुआ हमला?

हमलावरों ने उस सेवा प्रदाता कंपनी को निशाना बनाया जो हवाई अड्डों को चेक-इन और बोर्डिंग सुविधा उपलब्ध कराती है। शुक्रवार देर रात हुए हमले का असर शनिवार तक जारी रहा। विमानन डेटा प्रदाता सीरियम के अनुसार, हीथ्रो, ब्रसेल्स और बर्लिन से अब तक 29 उड़ानों का संचालन रद्द करना पड़ा।

शनिवार को हीथ्रो से 651 उड़ानें प्रस्थान के लिए निर्धारित थीं।

ब्रसेल्स से 228 और बर्लिन से 226 उड़ानें शेड्यूल में थीं।

मैनुअल प्रक्रिया से चला काम

साइबर हमले के बाद ऑटोमेटेड सिस्टम ठप हो गया, जिसके चलते एयरपोर्ट अथॉरिटी को मैनुअल तरीके से चेक-इन और बोर्डिंग कराना पड़ा।

स्थानीय यात्रियों को सलाह दी गई कि वे दो घंटे पहले और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को तीन घंटे पहले एयरपोर्ट न पहुंचें।

लोगों से कहा गया कि यात्रा से पहले फ्लाइट की स्थिति चेक कर लें ताकि असुविधा से बचा जा सके।

एयरपोर्ट प्रशासन की प्रतिक्रिया

हीथ्रो एयरपोर्ट प्रशासन ने कहा कि कंपनी कोलिंस एयरोस्पेस तकनीकी समस्या का सामना कर रही है।

बर्लिन एयरपोर्ट ने भी चेक-इन में देरी और लंबे इंतजार की जानकारी दी।

अधिकारी ने आश्वासन दिया कि टीमें समाधान पर काम कर रही हैं।

एयर इंडिया ने क्या कहा?

एअर इंडिया ने बयान जारी कर कहा, "हीथ्रो में व्यवधान के कारण चेक-इन प्रक्रिया में देरी हो सकती है। हमारी ग्राउंड टीमें असुविधा को कम करने के लिए काम कर रही हैं।"

साथ ही एयर इंडिया ने स्पष्ट किया कि भारतीय हवाई अड्डों पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि कोलिंस MUSE एप्लीकेशन का उपयोग मुख्य रूप से यूरोप में किया जाता है।

अमेरिका में भी उड़ानों पर असर

साइबर हमले और तकनीकी गड़बड़ी का असर अमेरिका के डलास क्षेत्र में भी दिखा।

यहां दो एयरपोर्ट पर 1,800 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं।

संघीय विमानन प्रशासन (FAA) ने बताया कि दूरसंचार सेवाओं में आई दिक्कत की वजह से उड़ानों पर रोक लगानी पड़ी।

FAA ने साफ किया कि समस्या उनके उपकरणों से नहीं, बल्कि स्थानीय टेलीफोन कंपनी के नेटवर्क से जुड़ी है।

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