दिल्ली बम ब्लास्ट केस में बड़ा अपडेट, नौवां आरोपी यासिर अहमद डार गिरफ्तार; 26 दिसंबर तक NIA हिरासत

यासिर अहमद डार को लाल किला क्षेत्र के पास हुए बम धमाके की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाने वाला बताया जा रहा है। जांच एजेंसी के मुताबिक, वह आत्मघाती हमलावर उमर-उन-नबी का करीबी सहयोगी था।;

Update: 2025-12-18 18:20 GMT

दिल्ली में हुए भीषण बम धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक और बड़ी सफलता मिली है। इस केस में नौवें आरोपी यासिर अहमद डार को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी को 26 दिसंबर तक एनआईए की हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। यासिर अहमद डार को लाल किला क्षेत्र के पास हुए बम धमाके की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाने वाला बताया जा रहा है। जांच एजेंसी के मुताबिक, वह आत्मघाती हमलावर उमर-उन-नबी का करीबी सहयोगी था।

पटियाला हाउस कोर्ट की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना की अदालत ने एनआईए की दलीलों पर विचार करने के बाद यह फैसला सुनाया। मामले की संवेदनशीलता और सुरक्षा कारणों को देखते हुए अदालत की कार्यवाही बंद कमरे में की गई। एनआईए ने कोर्ट को बताया कि आरोपी से पूछताछ बेहद जरूरी है, क्योंकि उसके आतंकी नेटवर्क से जुड़े कई अहम सुराग सामने आ सकते हैं।

इससे पहले 15 दिसंबर को कोर्ट ने इसी मामले में गिरफ्तार आरोपियों डॉ. नसीर बिलाल मल्ला और शोएब की एनआईए हिरासत चार दिन के लिए बढ़ा दी थी। हिरासत अवधि पूरी होने पर दोनों को दोबारा अदालत में पेश किया गया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनआईए को डॉ. मल्ला के हस्ताक्षर के नमूने लेने की अनुमति भी दी थी, जिसके बाद मजिस्ट्रेट के सामने उनके सैंपल लिए गए। एनआईए इन नमूनों का इस्तेमाल सबूतों की पुष्टि के लिए कर रही है।

एनआईए के अनुसार, यासिर अहमद डार जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले के शोपियां इलाके का रहने वाला है। उसे नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया है कि डार इस आतंकी साजिश में न केवल शामिल था, बल्कि उसने आत्मघाती हमलों को अंजाम देने की कथित तौर पर शपथ भी ली थी। एजेंसी का दावा है कि वह अन्य आरोपियों के लगातार संपर्क में था, जिनमें आत्मघाती हमलावर उमर-उन-नबी और मुफ्ती इरफान जैसे नाम शामिल हैं।

गौरतलब है कि 10 नवंबर की शाम करीब सात बजे दिल्ली में हुए इस भीषण बम धमाके ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। यह धमाका एक चलती हुई आई-20 कार में हुआ था, जिसे कथित तौर पर आत्मघाती हमलावर उमर-उन-नबी चला रहा था। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि मौके पर ही 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। धमाके के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी और सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत जांच शुरू की थी।

एनआईए अब तक इस मामले में 73 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है। इनमें धमाके में घायल लोग, प्रत्यक्षदर्शी और तकनीकी साक्ष्य उपलब्ध कराने वाले अधिकारी शामिल हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि वह इस पूरे आतंकी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

फिलहाल, यासिर अहमद डार की गिरफ्तारी को जांच के लिहाज से अहम माना जा रहा है। एनआईए को उम्मीद है कि हिरासत के दौरान उससे पूछताछ में साजिश से जुड़े कई और खुलासे हो सकते हैं। इस मामले में आगे की सुनवाई और जांच पर पूरे देश की नजर बनी हुई है।

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