कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का निधन, कानपुर में शोक की लहर
उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें किदवई नगर स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था, जहां से हालत गंभीर होने पर उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग में रेफर किया गया।;
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, तीन बार के सांसद और मनमोहन सिंह सरकार में कोयला मंत्री रहे श्रीप्रकाश जायसवाल का शुक्रवार शाम इलाज के दौरान निधन हो गया। 81 वर्षीय श्रीप्रकाश जायसवाल लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें किदवई नगर स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था, जहां से हालत गंभीर होने पर उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग में रेफर किया गया। हालांकि डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। कार्डियोलॉजी हार्ट विभाग ने उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि की है।
कानपुर कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष पवन गुप्ता ने बताया कि श्रीप्रकाश जायसवाल की स्थिति कई दिनों से चिंताजनक बनी हुई थी। परिवार और पार्टी कार्यकर्ता उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे। शुक्रवार शाम डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। शहर के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गहरा दुःख छा गया है।
श्रीप्रकाश जायसवाल का राजनीतिक जीवन कानपुर की राजनीति में एक मजबूत आधार पर खड़ा था। उन्होंने 1999, 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से शानदार जीत हासिल की, जिसने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में ला खड़ा किया। 2004 में वह मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बने और आगे चलकर 2011 से 2014 तक उन्होंने कोयला मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला। उनके कार्यकाल के दौरान कोयला मंत्रालय कई अहम नीतिगत निर्णयों और सुधारों के लिए सुर्खियों में रहा।
बीमारी के चलते वे काफी समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे। श्रीप्रकाश जायसवाल अपने कानपुर के पोखरपुर स्थित आवास में पत्नी मायारानी जायसवाल और छोटे बेटे गौरव जायसवाल के साथ रह रहे थे। उनका बड़ा बेटा सिद्धार्थ जायसवाल कनाडा में रहता है। परिवार के नजदीकी सूत्रों के अनुसार, बड़े बेटे के वापस लौटने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनके निधन की सूचना मिलते ही पार्टी के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व को जानकारी भेज दी गई है। वहीं, उनके आवास पर पार्टी नेताओं, पुराने सहयोगियों और समर्थकों का तांता लग गया है। सभी ने उनके राजनीतिक योगदान और सरल स्वभाव को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्डियोलॉजी निदेशक डॉ. आरके वर्मा ने बताया कि जब परिवार उन्हें अस्पताल लेकर आया, तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
श्रीप्रकाश जायसवाल का जाना न केवल कांग्रेस पार्टी, बल्कि कानपुर की राजनीति के लिए भी एक बड़ी क्षति है। उनका सादगी भरा व्यक्तित्व, जनसंपर्क क्षमता और राजनीतिक सूझ-बूझ हमेशा याद रखी जाएगी। उनके निधन से कानपुर और कांग्रेस संगठन में जो शून्य पैदा हुआ है, उसे भरना आसान नहीं होगा।