खुशखबरी: यॉर्क विश्वविद्यालय खोलेगा मुंबई में अंतरराष्ट्रीय कैंपस, जानें किन विषयों की होगी पढ़ाई ताकि मिल सके रोजगार
भारत में वैश्विक शिक्षा का नया अध्याय: एक प्रतिष्ठित ब्रिटिश विश्वविद्यालय की भारत में एंट्री;
मुंबई (राशी सिंह)। ब्रिटेन के रसेल ग्रुप के प्रतिष्ठित सदस्य और शोध-केंद्रित संस्थान यॉर्क विश्वविद्यालय ने भारत के मुंबई में अपना अंतरराष्ट्रीय कैंपस खोलने की आधिकारिक घोषणा की है। यह कदम उच्च शिक्षा में वैश्विक सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखा जा रहा है। यॉर्क विश्वविद्यालय 2026/27 शैक्षणिक वर्ष से छात्रों का पहला बैच प्रवेश लेगा।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से सहयोग, MoU पर हस्ताक्षर
यॉर्क विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर चार्ली जेफरी ने मुंबई में आयोजित वेव्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इस पहल पर चर्चा की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ एक औपचारिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए गए, जिससे नए कैंपस की राह साफ हो गई।
क्या पढ़ाया जाएगा: AI, साइबर सुरक्षा और रचनात्मक उद्योगों पर जोर
मुंबई कैंपस में छात्रों को कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सुरक्षा, बिजनेस, इकोनॉमिक्स और क्रिएटिव इंडस्ट्रीज जैसे विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाएगी। इन पाठ्यक्रमों को वैश्विक उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार डिजाइन किया गया है, जिससे भारतीय छात्रों के लिए रोजगार की बेहतर संभावनाएं पैदा होंगी।
शोध पर विशेष फोकस: शिक्षा के साथ नवाचार को बढ़ावा
मुंबई कैंपस की एक खास विशेषता यह होगी कि यहां शुरुआत से ही शोध को प्राथमिकता दी जाएगी। खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण परिवर्तन और भविष्य की प्रौद्योगिकियां जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित किया जाएगा। यॉर्क विश्वविद्यालय का कहना है कि उसका शोध भारत की प्राथमिकताओं से मेल खाता है। छात्र यॉर्क विश्वविद्यालय की डिग्री प्राप्त करेंगे, जो ब्रिटेन के मुख्य परिसर के समान मानकों और पाठ्यक्रमों के आधार पर दी जाएगी। विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, "हम अपने वैश्विक अकादमिक मॉडल को भारत जैसे तेजी से बढ़ते शिक्षा बाजार में लाकर गर्व महसूस कर रहे हैं।"
कैंपस की शुरुआत: मुंबई के वाणिज्यिक जोन से
मुंबई कैंपस की शुरुआत एक मौजूदा वाणिज्यिक इमारत से की जाएगी और आने वाले वर्षों में इसे पूर्ण विकसित अत्याधुनिक परिसर में बदला जाएगा। संचालन यॉर्क के ही समर्पित स्टाफ द्वारा किया जाएगा और गुणवत्ता की निगरानी यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क की ही रहेगी।
क्यों है ये खास?
-यूके के शीर्ष 10 शोध संस्थानों में स्थान
-ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज और इंपीरियल के साथ तुलनीय शोध प्रतिष्ठा
-गोल्ड रेटिंग वाली टीचिंग क्वालिटी
-भारत में डिजिटल और रचनात्मक क्षेत्रों की बढ़ती मांग के अनुरूप कोर्स
ब्रिटिश काउंसिल और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रयास
ब्रिटिश काउंसिल इंडिया की कंट्री डायरेक्टर एलिसन बैरेट ने यॉर्क के इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने इसे भारत-ब्रिटेन अनुसंधान सहयोग और शैक्षणिक नवाचार के लिए महत्वपूर्ण बताया। यॉर्क विश्वविद्यालय को भारत में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से अंतिम नियामक मंजूरी प्राप्त करनी होगी, जिसके बाद निर्माण और प्रवेश प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थिति
-यूके का साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय भारत में कैंपस खोलने की प्रक्रिया में
-ऑस्ट्रेलिया के डीकिन और वोलोंगोंग विश्वविद्यालय पहले से GIFT सिटी में मौजूद
-क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट और कोवेंट्री यूनिवर्सिटी को GIFT सिटी में अनुमति मिल चुकी है
-अमेरिकी विश्वविद्यालयों का अब तक कोई कैंपस भारत में नहीं
यह कदम भारत में वैश्विक शैक्षणिक विकल्पों को और समृद्ध करेगा और भारतीय छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा अपने देश में ही प्राप्त करने का अवसर देगा।