कर्नाटक हाई कोर्ट ने ‘मेंस्ट्रुअल लीव’ पर लगाई रोक! सरकार ने दिया था एक दिन का माहवारी अवकाश
सरकार ने दो दिसंबर को राज्य की सरकारी महिला कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हर महीने एक दिन का माहवारी अवकाश देने का आदेश दिया था।;
बेंगलुरू। कर्नाटक हाई कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को जारी पेड मासिक धर्म में अवकाश देने वाली सरकारी अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी है। बता दें कि यह अधिसूचना महिलाओं को हर माह एक दिन सवेतन मासिक धर्म अवकाश देने के लिए जारी की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने बिना परामर्श प्रावधान करने की दलील दी है।
याचिकाकर्ताओं ने दी दलील
दरअसल 9 नवंबर को जारी सरकारी अधिसूचना में स्थायी, संविदा और आउटसोर्स नौकरियों में काम करने वाली 18 से 52 साल की उम्र की महिला कर्मचारियों को हर महीने एक दिन का सवेतन माहवारी अवकाश देने का प्रावधान किया गया था। उस अधिसूचना पर अब हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस ज्योति एम.की बेंच ने बैंगलोर होटल्स एसोसिएशन और अविराता एएफएल कनेक्टिविटी सिस्टम्स द्वारा दायर एक याचिका के हिसाब से यह रोक लगाई है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दलील दी कि कर्नाटक सरकार ने ऐसे प्रावधान करने से पहले उनसे परामर्श नहीं लिया।
इन महिलाओं के लिए जारी हुआ था अधिनियम
यह अवकाश कारखाना अधिनियम, 1948, कर्नाटक दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1961, बागान श्रमिक अधिनियम, 1951, बीड़ी एवं सिगार श्रमिक (रोजगार की शर्तें) अधिनियम, 1966 और मोटर परिवहन श्रमिक अधिनियम, 1961 के तहत पंजीकृत सभी उद्योगों और प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिलाओं के लिए था।
मासिक धर्म अवकाश को लेकर विवाद
मासिक धर्म अवकाश को लेकर राज्य में विवाद खड़ा हो गया था। बंगलूरू होटल एसोसिएशन (बीएचए) ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसमें राज्य सरकार के नवंबर के निर्देश को चुनौती दी गई थी, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म अवकाश को अनिवार्य कर दिया गया था।
कई प्रदेशों में लागू है मेंस्ट्रुअल लीव
सरकार ने दो दिसंबर को राज्य की सरकारी महिला कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हर महीने एक दिन का माहवारी अवकाश देने का आदेश दिया था। मासिक धर्म के अवकाश को लेकर 2024 में प्रस्ताव आया था। कर्नाटक के अलावा केरल, बिहार और ओडिशा में पेड मेंस्ट्रुअल लीव मिलती है। केरल में आईटीआई की महिला ट्रेनी के लिए प्रति माह 2 दिनों का पेड मेंस्ट्रुअल लीव दी जाती है। वहीं, बिहार और ओडिशा में राज्य कर्मचारियों के लिए साल में 12 दिनों का पेड मेंस्ट्रुअल लीव दिया जाता है।