कोडीन कफ सिरप केस में हाईकोर्ट का फैसला! सरगना शुभम समेत सभी आरोपियों की याचिका खारिज...
सरगना शुभम जायसवाल समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने गाजियाबाद, वाराणसी और जौनपुर में दर्ज मामलों को चुनौती दी थी।;
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोडीन युक्त कफ सिरप सिंडिकेट से जुड़े मामलों में सरगना शुभम जायसवाल समेत सभी आरोपियों की याचिका खारिज कर दी है। दरअसल मुख्य आरोपी शुभम अग्रवाल समेत 40 आरोपियों ने इन याचिकाओं में एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट के फैसले के बाद अब पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर सकती है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने तीन दिनों तक चली लगातार बहस के बाद आज यानी शुक्रवार को आरोपियों की अर्जी खारिज कर दी।
हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत अब खत्म
सुबह याचिकाकर्ताओं और सरकार की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। सरगना शुभम जायसवाल समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने गाजियाबाद, वाराणसी और जौनपुर में दर्ज मामलों को चुनौती दी थी। शुभम जायसवाल पर 25,000 रुपये का इनाम भी घोषित है। याचिका खारिज होने से अब हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत भी खत्म हो गई है। पहले कोर्ट ने सभी मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी थी।
शुभम जायसवाल का पूरा नेटवर्क सामने आया
कोडीनयुक्त कफ सिरप कांड की जांच में यूपी एसटीएफ ने लखनऊ आलम बाग के पास से सहारनपुर से दो अभियुक्त अभिषेक शर्मा और शुभम शर्मा को गिरफ्तार किया था। इस मामले में शुभम जायसवाल का पूरा नेटवर्क सामने आ गया है। दोनों ने एसटीएफ को बताया कि दोनों विशाल और विभोर राणा के लिए काम करते थे। विशाल और विभोर का शुभम जायसवाल के साथ व्यापारिक रिश्ता था।
तीनों मिलकर कोडीनयुक्त कफ सिरप की करते थे तस्करी
तीनों मिलकर कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी करते थे। सभी माल को वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और आगरा समेत अन्य जगहों से फर्जी ई वे बिल बनाकर बंगाल के अलावा अन्य जगहों पर भेजा जाता था। विशाल और विभोर के नेटवर्क के जरिये सिरप देश के कई राज्यों में पहुंचाया जाता था।
गाजियाबाद में भी शुभम का था गोदाम
जांच में पता चला है कि शुभम अपनी फर्म शैली ट्रेडर्स के नाम पर हिमाचल की फर्म से सिरप मंगाता था, उसके बाद उसे गाजियाबाद के गोदाम में रखता था। फर्जी फर्मों के कागज तैयार कर उसे आगरा, लखनऊ और वाराणसी तक सप्लाई करता था। वाराणसी से कोडीन सिरप की बड़ी खेप सोनभद्र के रास्ते झारखंड और पश्चिम बंगाल जाती थी। इसके अलावा बांग्लादेश और नेपाल भी जाती थी।