IND vs SA: भारतीय टीम ताश के पत्तों की तरह हुई धारासाई, साख बचाना हुआ मुश्किल, कप्तान ऋषभ पंत ने किया बड़ा बलंडर
नई दिल्ली। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरे टेस्ट मैच में भी टीम इंडिया कुछ खास कमाल नहीं कर पाई है। वहीं आज भी भारतीय बल्लेबाज साउथ अफ्रीका के गेंदबाजों के आगे टिक नहीं पाए। लगातार विकेट गिरते जा रहे हैं। इस बीच कप्तान ऋषभ पंत ने एक बड़ा बलंडर कर दिया है। जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है। वहीं पंत के इस काम की किसी ने उम्मीद नहीं की थी।
भारतीय टीम ने 150 का आंकड़ा किया पार
भारतीय टीम 150 का आंकड़ा पार कर लिया है। लेकिन टीम के सात विकेट गिर चुके हैं। ऐसे में अब भारतीय टीम जीत की तो बात तो छोड़ ही दे। पहले फॉलोआन बचाने के लिए जद्दोजहद करनी होगी। सीरीज में पहले ही पीछे चल रही टीम अगर इस मैच को भी हारती है तो उसका सूपड़ा साफ हो जाएगा। जो शर्मनाक बात होगी। अब देखना है कि भारतीय टीम इस मैच को बचाने के लिए क्या करती है।
खिलाड़ियों को बहुत मेहनत करने की जरूरत
बता दें कि भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ फंस गई है। अब दूसरा टेस्ट बचाने के लिए कुछ खिलाड़ियों को बहुत मेहनत करने की जरूरत है। गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 489 रन बनाने का काम किया था। इसके बाद जब टीम इंडिया बल्लेबाजी के लिए उतरी तो शुरुआत को ठीकठाक रही, लेकिन उसके बाद लगातार विकेट गिरते चले गए। पहले विकेट के रूप में जब केएल राहुल आउट हुए तो टीम का स्कोर 65 रन था, लेकिन जब स्कोर 119 रन हुआ तो भारत के छह विकेट गिर चुके थे। इससे समझा जा सकता है कि भारतीय टीम ने किस तरह की बल्लेबाजी की है।
शुभमन गिल की गैरमौजूदगी में भी कर रहे हैं कप्तानी
वहीं ऋषभ पंत ने कमाल कर दिया। वे इस मैच में शुभमन गिल की गैरमौजूदगी में कप्तानी भी कर रहे हैं। वे नंबर पांच पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। अभी पंत आठ बॉल पर केवल सात ही रन बना सके थे, तभी मार्को यानसेन की एक गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर सीधे विकेट कीपर के दस्तानों में चली गई। साउथ अफ्रीका ने अपील की और अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया। इसके बाद तुरंत ऋषभ पंत ने डीआरएस ले लिया। जब रिप्ले देखा गया तो पता चला कि पंत के बल्ले का बॉल ने अच्छा खासा किनारा लिया था। इसके बाद भी पंत ने डीआरएस लिया। ऐसा कम ही होता है कि किसी बल्लेबाज का बल्ला गेंद पर लगे और उसके बाद भी वो डीआरएस की मांग करे। ऐसा इसलिए क्योंकि बल्ला का किनारा लगने पर सबसे पहले बल्लेबाज को ही पता चलता है। इसके बाद भी डीआरएस लेना समझ से परे है।