इंडिया गठबंधन ने चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा - चक्काजाम से करेंगे प्रदर्शन
बिहार के गरीबों, वंचितों और दलितों को मतदान के अधिकार से वंचित करने की साजिश;
पटना। बिहार में सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेताओं ने चुनाव आयोग के Voter Verification कार्य का जमकर विरोध किया है। सोमवार को इंडिया गठबंधन के नेताओं ने RJD office में प्रेस कॉफ्रेंस किया।
तेजस्वी यादव ने जताया विरोध
तेजस्वी यादव ने कहा कि पूरे बिहार में 9 जुलाई को हमारी पार्टी द्वारा गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 के विरोध में प्रदर्शन किया जायेगा। बिहार के हर जिले में चक्का जाम किया जाएगा। इस तरह के कार्य से लोकतंत्र पर हमला करना ठीक नहीं है। चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था का दुरुपयोग किया जा रहा है। बिहार के गरीबों, वंचितों और दलितों को मतदान के अधिकार से वंचित करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि गरीब मतदाताओं के साथ अन्याय हो रहा है। इसके विरोध में हमलोग पूरे बिहार में चक्का जाम करेंगे। हमारे इस काम में राहुल गांधी साथ होंगे। हम एकजुट होकर मजबूती के साथ इसका विरोध करेंगे।
संवैधानिक एवं कानूनी आधार पर एक नजर
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने पहले भी यह सवाल उठाया था कि आज फिर से पूछ रहा है कि क्या बिहार विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 के तहत मतदाता सूची में नाम जोड़वाने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग को केवल 11 दस्तावेज मांगने का ही अधिकार है? इसका संवैधानिक एवं कानूनी आधार क्या है? क्या भारतीय निर्वाचन आयोग को यह अधिकार है कि वह केवल उन्हीं 11 दस्तावेजों को मान्य माने और अन्य दस्तावेजों को खारिज कर दे? तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह कंफ्यूज हैं । कुर्सी कुमार नीतिश के राज में लोग दहशत में जीने को विवश हो चुके हैं।
कर्मचारी भी परेशान
तेजस्वी यादव ने ये भी कहा कि निर्वाचन आयोग ने बताया कि प्रत्येक बीएलओ के साथ 4 स्वयंसेवक लगाए गए हैं। हमने पूछा कि ये वॉलियंटर्स कौन हैं और इनके चयन का मानदंड क्या है? क्या वो सरकारी कर्मचारी है अथवा अन्य लोग? हमने मांग रखी है कि चुनाव आयोग बीएलओ की तरह इन वॉलंटियर्स के list भी जारी करे ताकि सभी लोग उनका सत्यापन कर सकें। बीएलओ का काम कर रहे शिक्षक भी परेशान हो चुके हैं। डीएम कार्यालय से उन्हें लगातार फोन आता है। वह दबाव में हैं। आपलोग ही बताएं कि वो इस काम को करें या स्कूल में पढ़ाएं। शिक्षकों को लोगों के घर-घर भेजकर मतदाता पुनरीक्षण का काम करवाया जा रहा है।