Shubhanshu Shukla ने अंतरिक्ष स्टेशन पर चल रहे तमाम प्रयोगों की प्रगति की जानकारी इसरो प्रमुख से साझा की, जानें क्या-क्या

ISS तक की सुरक्षित यात्रा के लिए भारतीय अंतरिक्ष शुभांशु शुक्ला ने दिया धन्यवाद;

By :  Aryan
Update: 2025-07-07 13:17 GMT

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस से इसरो प्रमुख को फोन किया इसके साथ ही उन्होंने इसरो की पूरी टीम को अपनी सुरक्षित यात्रा के लिए धन्यवाद दिया। शुभांशु शुक्ला ने इसरो प्रमुख वी. नारायणन को अंतरिक्ष (आईएसएस) में चल रहे तमाम गतिविधियों की जानकारी भी दी है।

शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में चल रहे प्रयोगों की दी जानकारी 

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, जो कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद हैं, उन्होंने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अध्यक्ष वी. नारायणन को फोन कर अपनी अंतरिक्ष यात्रा के लिए उनके और उनकी पूरी इसरो टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए धन्यवाद कहा। आपको बताते चलूं कि, शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत आईएसएस पहुंचे हैं।

शुभांशु ने अंतरिक्ष स्टेशन पर चल रहे तमाम प्रयोगों की प्रगति की जानकारी भी साझा की और कहा कि वे कौन कौन से वैज्ञानिक लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं तथा किन चुनौतियों का सामना करना पर रहा है।

इसरो ने दी जानकारी

इसरो ने बताया कि 6 जुलाई की दोपहर को फोन कॉल आया था। इस बातचीत में इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने शुभांशु शुक्ला का हालचाल पूछा और यह जानना चाहा कि अंतरिक्ष स्टेशन पर कौन-कौन से वैज्ञानिक प्रयोग और गतिविधियां चल रही हैं। इसरो प्रमुख ने यह भी कहा कि पृथ्वी पर लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला को सभी प्रयोगों और अनुभवों को विस्तार से दस्तावेज के रूप में तैयार करना चाहिए, ताकि भारत के लोगों को अंतरिक्ष मिशन गगनयान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकें।

गगनयान मिशन

इसरो ने जानकारी दी कि गगनयान मिशन का उद्देश्य भारत की क्षमता को साबित करना है कि वह अपने दम पर इंसानों को लो-अर्थ ऑर्बिट (पृथ्वी की निचली कक्षा) में भेज सकता है। शुक्ला का यह मिशन इसरो और अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस के सहयोग से संभव हो पाया है।

इसरो अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बातचीत

इसरो के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शुभांशु शुक्ला से बात की जिनके नाम इस प्रकार हैं (1) डॉ. उन्नीकृष्णन नायर, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) के निदेशक और मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की प्रोग्राम मैनेजमेंट काउंसिल के चेयरमैन; (2) एम. मोहन, लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक; (3) पद्मकुमार ई. एस., इसरो इनर्शियल सिस्टम यूनिट (आईआईएसयू) के निदेशक; (4) एम. गणेश पिल्लई, (5) इसरो के वैज्ञानिक सचिव और एलपीएससी के पूर्व निदेशक एन. वेदाचलम भी शामिल रहे।

शुभांशु शुक्ला ने हैम रेडियो के द्वारा भारतीय छात्रों से की बात

ISS पर पहुँचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने शुक्रवार ,4 जुलाई को अंतरिक्ष प्रयोगशाला में अपने पहले हैम रेडियो से संवाद के दौरान भारतीय छात्रों से बात की। उन्होंने कहा कि सबसे मुश्किल काम है सेना, क्योंकि यहां आकर उत्साह बस अधिक से अधिक प्रयोग करने की इच्छा होती है।

मैं बहुत सारे प्रयोग कर रहा हूँ सब चुनौतीपूर्ण और रोमांचक हैं। इन सभी प्रयोगों की योजना नासा के इसरो ने बनाई है। लेकिन कुछ ऐसे हैं जो मुझे खास तौर पर पसंद हैं, खास तौर पर स्टेम सेल पर किया गया प्रयोग। मुझे मालूम है कि ISS पर हमारे पास सीमित कम है और प्रयोग ज्यादा करना चाहते हैं। लेकिन हमें प्रयोग करने के लिए आराम की भी ज़रूरत है। उन्होंने कार्यों को समय से पूरा करने के लिए युद्धाभ्यास और अंतरिक्ष-चालों के प्रदर्शन पर भी ध्यान दिया। उन्होंने छात्रों को अपना स्लीपिंग बैग भी दिखाया।


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