गरीब आदमी के 'चार पहिए' के सपने पर सरकार ने फेरा पानी, आया नया कानून

1 जुलाई से ‘अंतिम जीवन’ (End-of-Life) वाली गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं देने का आदेश लागू हुआ था। लेकिन तीन दिन के अंदर ही दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता समिति से इस आदेश को तुरंत स्थगित करने की अपील की।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-07-07 17:50 GMT

दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर ईंधन रोक लागू होने के पहले तीन दिनों में सेकंड हैंड कार बेचने वाली कंपनियों के पास देशभर से ग्राहकों के ढेरों सवाल आने लगे। कई लोग बेहद सस्ते दाम पर दिल्ली से कारें खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

1 जुलाई से ‘अंतिम जीवन’ (End-of-Life) वाली गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं देने का आदेश लागू हुआ था। लेकिन तीन दिन के अंदर ही दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता समिति से इस आदेश को तुरंत स्थगित करने की अपील की। सरकार ने कहा कि ऐसी गाड़ियों की आवाजाही पर रोक से पैदा हुई समस्याओं को दूर करने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के चेयरमैन राजेश वर्मा को पत्र लिखकर बताया कि यह नियम तकनीकी चुनौतियों के कारण व्यावहारिक नहीं है और लागू नहीं किया जा सकता।

हालांकि, 1 से 3 जुलाई के बीच जब असमंजस की स्थिति बनी रही, कई कंपनियों को गाड़ी बेचने और खरीदने से जुड़ी बड़ी संख्या में पूछताछ मिली।

स्पिनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और व्यवसाय प्रमुख हनीश यादव ने बताया, “प्रतिबंध लागू होने से पहले और बाद के तीन दिन में ऐसे वाहनों से जुड़े लीड्स में 25 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।”

यूनाइटेड कार्स इंडिया, सीआर पार्क के मालिक अमित मल्होत्रा ने भी बताया कि उन तीन दिनों में दक्षिण भारत से विशेषकर सेकंड हैंड कारों के बारे में 10 गुना ज्यादा पूछताछ हुई।

उन्होंने कहा, “आमतौर पर हमें रोजाना 3-4 कॉल्स मिलते हैं। लेकिन प्रतिबंध के दौरान रोजाना करीब 50 कॉल आ रहे थे। अधिकतर लोग दक्षिण भारत से थे, जो मानते थे कि उन्हें गाड़ियां बहुत सस्ती मिल जाएंगी।”

बीते सप्ताह चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने कहा कि राजधानी में सेकंड हैंड कारों के दाम में अचानक भारी गिरावट आई है। कारोबारियों ने बताया कि कीमतें 40 से 50 फीसदी तक घट गई हैं।

CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली में पुरानी गाड़ियों का बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। करीब 60 लाख गाड़ियां इस अचानक गिरावट से प्रभावित हुई हैं।

गोयल, जो खुद ऑटोमोबाइल कारोबारी भी हैं, ने कहा कि व्यापारियों को गाड़ियां उनकी असली कीमत के चौथाई में बेचनी पड़ रही हैं।

उन्होंने कहा, “पिछले पांच दिनों में सेकंड हैंड कारों की कीमतें 40 से 50 फीसदी तक गिर गई हैं। कारोबारी मजबूरन गाड़ियां सस्ती दर पर बेच रहे हैं।”

कार्स24 के संस्थापक और सीईओ विक्रम चोपड़ा ने नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि अगर कोई डीजल गाड़ी 10 साल या उससे पुरानी है या पेट्रोल गाड़ी 15 साल से ज्यादा पुरानी है और उसका फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म हो चुका है, तो उसकी रजिस्ट्रेशन अपने आप रद्द हो जाएगी।

कानूनी रूप से उसे स्क्रैप करना ही एकमात्र विकल्प होगा, क्योंकि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का ट्रांसफर नहीं हो सकता।

उन्होंने बताया, “अगर ऐसी गाड़ी को अनौपचारिक रूप से बेच भी दिया जाए और बाद में उससे कोई दुर्घटना होती है, तो वाहन का मालिक ही जिम्मेदार माना जाएगा।”

कार्स24 ग्राहकों को गाड़ी स्क्रैप करवाने की सुविधा भी देता है। कंपनी का पंजीकृत व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटीज से करार है, जिससे ग्राहक अपनी गाड़ी का स्क्रैप मूल्य तुरंत जान सकते हैं।

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