Indian Temple: भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर जो 8 महीने तक रहता है जलमग्न, पांडवों ने किया था निर्माण
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बाथू की लड़ी मंदिर स्थित है, जो पोंग बांध झील में है। यह मंदिर साल के आठ महीने पानी में डूबा रहता है और केवल चार महीने (मार्च से जून) के लिए भक्तों को इसके दर्शन होते हैं। स्थानीय मान्यता के अनुसार, पांडवों ने इसे बनाया था और उन्होंने स्वर्ग तक जाने के लिए सीढ़ियां बनाने की भी कोशिश की थी, जिनमें से 40 सीढ़ियां आज भी मंदिर परिसर में मौजूद हैं।
मंदिर की कुछ मुख्य बातें
स्थान:
यह महाराणा प्रताप सागर झील (पोंग डैम झील) के बीच में स्थित है।
पांडव संबंध:
स्थानीय लोग मानते हैं कि यह मंदिर महाभारत काल में पांडवों द्वारा बनाया गया था।
स्वर्ग की सीढ़ियां:
ऐसा कहा जाता है कि पांडव यहां स्वर्ग तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाना चाहते थे, और मंदिर परिसर में आज भी 40 सीढ़ियां हैं जिन्हें 'स्वर्ग की सीढ़ियां' कहा जाता है।
वास्तुकला:
यह मंदिर बाथू नामक एक मजबूत पत्थर से बना है, जो लंबे समय तक पानी में रहने के बावजूद सुरक्षित है।
चार महीने ही भक्तों को मंदिर के दर्शन
जानकारी के मुताबिक यह रहस्यमयी शिवालय साल के 8 महीने जगमग्न यानी पानी में डूबा रहता है और केवल 4 महीने (मार्च से जून) तक भक्तों को इस मंदिर के दर्शन होते हैं। इस मंदिर को हिमाचल का अनमोल रतन माना जाता है। इस मंदिर समूह में 8 मंदिर है जिनमें से मुख्य मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है।