8 साल के निचले स्तर पर महंगाई, सितंबर में घटकर इतने पर आई, जानें रिजर्व बैंक का लक्ष्य कितना प्रतिशत है

जनवरी से लेकर अगस्त तक सालभर महंगाई धीमी रही। खासकर खाद्य और ईंधन की कीमतों में कमी के कारण।;

By :  Aryan
Update: 2025-10-13 11:47 GMT

नई दिल्ली। सरकार ने आज 13 अक्टूबर को रिटेल महंगाई के आधिकारिक आंकड़े जारी किए हैं। सितंबर में महंगाई दर 1.54 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि पिछले आठ साल में सबसे कम है। यह अगस्त में 2.07 प्रतिशत के दो महीने के उच्च स्तर से कम हुई है। यह साल 2025 में दूसरी बार है जब उपभोक्ता मूल्य वृद्धि 2 प्रतिशत के नीचे रही। बता दें कि जनवरी से लेकर अगस्त तक सालभर महंगाई धीमी रही। खासकर खाद्य और ईंधन की कीमतों में कमी के कारण। अगस्त में यह 1.61 प्रतिशत तक गिर गई थी। वहीं, रिजर्व बैंक का लक्ष्य महंगाई को 2 प्रतिशत से 4 प्रतिशत की सीमा में रखने का है।

सितंबर में खाने-पीने के सामानों की कीमतों में आई गिरावट

महंगाई के बास्केट में लगभग 50 प्रतिशत योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। इसकी महंगाई की दर 0.64 प्रतिशत से घटकर माइनस 2.28 प्रतिशत हो गई है। सितंबर महीने में ग्रामीण महंगाई दर 1.69 प्रतिशत से घटकर 1.07 प्रतिशत हो गई है। वहीं, शहरी महंगाई 2.47 प्रतिशत से घटकर 2.04 प्रतिशत पर आ गई है।

महंगाई किस तरह से बढ़ती-घटती है

महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वो अधिक चीजें खरीदेंगे। अधिक चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह से बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी।

CPI से तय की जाती है महंगाई

एक ग्राहक के तौर पर हमलोग रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसका आकलन करता है।


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