एकादशी पर तुलसी तोड़ना शुभ या अशुभ? प्रेमानंद महाराज ने बताया सच...

Update: 2025-12-15 10:00 GMT

नई दिल्ली। एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या एकादशी पर तुलसी तोड़ना सही है या नहीं। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, एकादशी पर तुलसी तोड़ना अशुभ नहीं है, बल्कि आप पहले से तोड़े हुए पत्ते इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन द्वादशी के दिन तुलसी को छूना, स्पर्श करना या पत्ते तोड़ना ब्रह्महत्या के समान पाप माना जाता है, जो कि अत्यंत वर्जित है, इसलिए एकादशी पर तुलसी से जुड़ी सभी चीजें पहले से तैयार कर लें और द्वादशी पर सिर्फ दूर से प्रणाम करें, स्पर्श न करें।

एकादशी पर तुलसी पूजा प्रेमानंद महाराज के अनुसार

बता दें कि एकादशी पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि माता तुलसी उस दिन निर्जला व्रत रखती हैं; इसलिए पत्ते पहले से तोड़कर रख लें। इस दिन जल चढ़ाया जा सकता है, कोई मनाही नहीं है। एकादशी पर तुलसी का स्पर्श या पत्तियां तोड़ना पाप नहीं, बल्कि द्वादशी पर यह वर्जित है।

द्वादशी पर तुलसी पूजा

द्वादशी तिथि पर तुलसी के पत्ते तोड़ना, स्पर्श करना या जल अर्पित करना निषिद्ध है, ऐसा करने से ब्रह्महत्या का पाप लगता है। इस दिन तुलसी को केवल दूर से प्रणाम और नमस्कार करें, उसके पास न जाएं। प्रेमानंद महाराज के प्रवचनों का सार है कि एकादशी के दिन पूजा के लिए तुलसी की आवश्यकता हो तो पत्ते पहले ही तोड़ लें, लेकिन द्वादशी पर तुलसी से बिल्कुल भी छेड़छाड़ न करें, उसे पूजनीय और पवित्र मानते हुए उससे दूरी बनाए रखें। 

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