इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा अंतरिक्ष एजेंसी 40 मंजिला इमारत जितनी लंबी रॉकेट बनाएगी, जानें इससे क्या होगा फायदा
डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा जो पहला लॉन्चर बनाया गया था, उसका वजन 17 टन था;
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख वी. नारायणन ने आज कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी 40 मंजिला इमारत की लंबाई के जितनी ऊंचा रॉकेट बनाने वाली है। इसकी सहायता से 75 किलोग्राम का पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जा सकेगा।
वी.नारायणन ने ओस्मानिया विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
वी.नारायणन ओस्मानिया विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने बताया कि इस साल इसरो के पास एनएवीआईसी उपग्रह, एन1 रॉकेट जैसी परियोजनाएं हैं। इसके अलावा अमेरिकी 6,500 किलोग्राम के संचार उपग्रह को भारतीय रॉकेट के जरिए कक्षा में भेजने का भी काम है। नारायणन ने कहा, आपको मालूम है कि पहले रॉकेट की क्या क्षमता थी। डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा जो पहला लॉन्चर बनाया गया था। उसका वजन 17 टन था, उससे मात्र 35 किलोग्राम का पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा में भेज सकता था। अब हम 75 हजार किलोग्राम पेलोड भेजने वाला रॉकेट बना रहे हैं, जिसकी ऊंचाई 40 मंजिला इमारत के बराबर होगी।
इसरो प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह एवं जीसैट-7आर
नारायणन ने आगे कहा कि इसरो इस साल प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह एवं भारतीय नौसेना के लिए तैयार किया गया सैन्य संचार उपग्रह जीसैट-7आर लॉन्च करने की योजना बना रहा है। फिलहाल कक्षा में भारत के 55 उपग्रह हैं, जो अगले तीन-चार सालों में तीन गुना बढ़ जाएंगे।