अमित शाह के बयान पर केजरीवाल का पलटवार! कहा-आज दिल्ली वाले उस जेल वाली सरकार को याद कर रहे हैं, जब...

Update: 2025-08-25 11:32 GMT

नई दिल्ली। PM-CM और मंत्री को आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किए जाने के बाद पद से हटाए जाने को लेकर बिल पर अरविंद केजरीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए केजरीवाल ने कहा कि जो व्यक्ति गंभीर गुनाहों के मुजरिमों को अपनी पार्टी में शामिल करके उनके सारे केस रफा दफा करके उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता है, क्या ऐसे मंत्री/प्रधानमंत्री को भी अपना पद छोड़ना चाहिए? ऐसे व्यक्ति को कितने साल की जेल होनी चाहिए?

कम से कम जेल वाली सरकार के वक्त बिजली नहीं जाती थी

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसाकर जब केंद्र ने मुझे जेल भेजा तो मैंने जेल से 160 दिन सरकार चलायी। पिछले सात महीनों में दिल्ली की बीजेपी सरकार ने दिल्ली का ऐसा हाल कर दिया है कि आज दिल्ली वाले उस जेल वाली सरकार को याद कर रहे हैं। कम से कम जेल वाली सरकार के वक्त बिजली नहीं जाती थी, पानी आता था, अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में फ्री दवाइयां मिलती थी, फ्री टेस्ट होते थे, एक बारिश में दिल्ली का इतना बुरा हाल नहीं होता था, प्राइवेट स्कूलों को मनमानी और गुंडागर्दी करने की इजाजत नहीं थी। अगर किसी पर झूठा केस लगाकर उसे जेल में डाला जाए और बाद में वो दोषमुक्त हो जाए, तो उस पर झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितने साल की जेल होनी चाहिए?

उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए

दरअसल अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि हाईकोर्ट में जब यह केस गया कि केजरीवाल जेल में हैं, तो उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। तब कोर्ट ने कहा था कि नैतिकता के आधार पर उन्हें पद छोड़ देना चाहिए, लेकिन अभी के कानून में उन्हें पद से हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। अगर कोई पांच साल से ज्यादा सजा वाले केस में जेल जाता है और उसे 30 दिन में बेल नहीं मिलती, तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा, कोई छिटपुट आरोप के लिए पद नहीं छोड़ना पड़ेगा। मगर जिन पर करप्शन के आरोप हैं, या पांच साल से ज्यादा सजा के आरोप हैं, ऐसे मंत्री, CM या PM जेल में बैठकर सरकार चलाएं ये कितना उचित है?

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