मराठा आरक्षण आंदोलन समाप्त! सरकार ने मांगें मानी, जरांगे ने दिया यह अल्टीमेटम...
मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन में मनोज जरांगे ने पांच दिन के अनशन के बाद जीत का एलान किया और कहा कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं। जरांगे ने सरकार को दो महीने का समय दिया है कि मराठा और कुनबी को एक ही समुदाय मानते हुए जीआर जारी करे।
एक सप्ताह में मुआवजा दिया जाएगा
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को दो महीने का समय दिया है कि वह जीआर जारी कर स्पष्ट करे कि मराठा और कुनबी एक ही समुदाय हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने वादा किया है कि मराठा आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के परिजनों को एक सप्ताह में मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही, आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारियों पर दर्ज सभी केस भी वापस लिए जाएंगे। जरांगे ने कहा कि अब सरकार पर वादों को निभाने की जिम्मेदारी है। वहीं मुंबई के आजाद मैदान में पांच दिन के अनशन के बाद मनोज जरांगे ने समर्थकों के बीच जीत का ऐलान किया।
सरकार ने उनकी प्रमुख मांगों को माना
उन्होंने कहा कि मराठा समाज की लड़ाई रंग लाई है और सरकार ने उनकी प्रमुख मांगों को मान लिया है। जरांगे ने साफ तौर पर कहा कि यदि सरकार आज रात नौ बजे तक आरक्षण पर जीआर जारी करती है तो वह मुंबई छोड़ देंगे। आंदोलनकारियों ने इस घोषणा पर जश्न मनाया और जीत के नारे लगाए। महाराष्ट्र में हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने इलाके को खाली कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई
डीसीपी जोन-1 प्रवीण मुंडे ने कहा कि हम अदालत के निर्देशों के अनुसार काम कर रहे हैं और क्षेत्र खाली करवाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई इस कार्रवाई में बाधा डालने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।
कानून-व्यवस्था पर असर न पड़े
बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट में हुई सुनवाई अब बुधवार तक के लिए टाल दी गई है। यह फैसला आंदोलन से जुड़ी पूर्व आदेशों के अनुपालन के आधार पर लिया गया। सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल बीरेंद्र साराफ ने अदालत को बताया कि पुलिस ने सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया है और आंदोलनकारियों द्वारा की गई उल्लंघनों की सूची भी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि जरांगे पाटिल और उनके समर्थकों को मुंबई छोड़ने का आश्वासन देना चाहिए ताकि कानून-व्यवस्था पर असर न पड़े, खासकर गणेशोत्सव के दौरान।
कल तक कुछ ठोस नतीजा सामने आएगा
हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि सरकार को शुरुआत में ही अदालत को सूचित करना चाहिए था कि भीड़ 5,000 से अधिक है। अदालत ने चेतावनी दी कि आदेशों के उल्लंघन पर सरकार के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, जरांगे पाटिल के वकील सतीश मानेशिंदे ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने, यातायात बाधित न करने और भीड़ 5,000 से अधिक न होने की अपील की है। अदालत ने कहा कि वह उम्मीद करती है कि कल तक कुछ ठोस नतीजा सामने आएगा।