MEA: भारत-रूस संबंधों को लेकर ट्रंप को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का करारा जबाव, कहा- हमारे संबंध योग्यता पर आधारित हैं

हम बाजार में उपलब्ध विकल्पों और वैश्विक स्थिति को ध्यान में रखकर निर्णय लेते हैं;

By :  Aryan
Update: 2025-08-01 12:36 GMT

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कई अहम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए भारत-अमेरिका संबंधों पर बयान दिया है, इसके साथ ही यमन में मौत की सजा का सामना करने वाली निमिषा प्रिया को लेकर भी चर्चा की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा

रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक रूप से वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की गई है, जो साझा हितों एवं मजबूत जनसंपर्क पर आधारित है। कई बदलावों और चुनौतियों का सामना करने के बावजूद इस रिश्ते को मजबूत बना रहा है। हम अपने साझा एजेंडे पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं और हमें विश्वास है कि यह संबंध आगे भी प्रगति करेगा।

बाजार में उपलब्ध विकल्पों और वैश्विक स्थिति को ध्यान में रखकर निर्णय लेना

आगे उन्होंने कहा कि कुछ भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। आप हमारी जरूरतों के दृष्टिकोण से अवगत हैं। हम बाजार में उपलब्ध विकल्पों और वैश्विक स्थिति को ध्यान में रखकर निर्णय लेते हैंबाजार में उपलब्ध विकल्पों और वैश्विक स्थिति को ध्यान में रखकर निर्णय लेते हैं। हमें इस बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं होती है।

एक दिन भारत भी पाकिस्तान से तेल खरीदेगा

प्रवक्ता ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर कहा एक दिन भारत पाकिस्तान से तेल खरीदेगा। इस मामले पर मेरे विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी नहीं दी।

निमिषा प्रिया के केस पर मंत्रालय का जवाब

यमन में एक हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा, यह एक संवेदनशील मामला है। सरकार इस मामले में हरसंभव सहायता कर रही है। हमारी कोशिशों के कारण सजा पर अमल फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। हम इस पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत के हिसाब से सभी मदद भी की जा रही है।

ईरान से व्यापार पर अमेरिकी प्रतिबंध

रणधीर जायसवाल ने अमेरिका की तरफ से कुछ भारतीय कंपनियों पर ईरान से व्यापार के चलते लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर कहा हम इन प्रतिबंधों पर ध्यान दे रहे हैं। किसी भी देश के साथ हमारे संबंध उसकी योग्यता पर आधारित है। जिसे किसी तीसरे देश के चश्मे से देखा जाना गलत है।


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