बिहार में फिर एक बार मोदी सरकार! विपक्ष के दावे हुए फेल, इन 4 फैक्टरों से जीती एनडीए
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे को बस अब एक आधिकारिक घोषणा का इंतजार रह गया है। एनडीए एक बार फिर से राज्य में सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी राज्य का सबसे बड़ा दल (सीटों के मामले में) बनकर उभरा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं की रणनीतियों ने बिहार में एनडीए को ऐतिहासिक जीत हासिल करवाई। पीएम मोदी ने बिहार में करीब नौ जनसभाएं की और जनता से संवाद किया।
इन 4 फैक्टरों से जीती एनडीए
1. पीएम मोदी ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत बिहार की 75 लाख महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये हस्तांतरित किए, वहीं तमाम केंद्रीय योजनाओं से भी राज्य की जनता लाभान्वित हुई और इसका असर विधानसभा चुनाव में साफ देखने को मिला है।
2. भाजपा के अंदर शीर्ष नेताओं ने मोर्च को संभाला। बता दें कि बिहार में गृह मंत्री अमित शाह ने 30 से ज्यााद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 से ज्यादा और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 10 से ज्यादा रैलियों को संबोधित किया। इस कड़ी में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 30 से अधिक जनसभाएं संबोधित की। वहीं अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बिहार में जमकर चुनाव प्रचार किया। सीएम योगी के बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने करीब 18 जनसभाएं कीं। जिसका असर चुनावी नतीजों में देखने को मिला।
3. बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने अहम भूमिका निभाते हुए 80 से ज्यादा रैलियां की। इसमें सड़क मार्ग और हवाई मार्ग से की गई जनसभाएं भी शामिल हैं। सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में करीब एक हजार किमी की यात्रा भी की है।
4. एनडीए के लिए इस बार चिराग पासवान ने पूरी ताकत झोंक दी जिसका नताजे सभी के सामने है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने सबसे ज्यादा 180 से ज्यादा जनसभाएं की। वहीं एनडीए के गठबंधन दलों की बात की जाए तो हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने 32 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने 46 जन सभाओं को संबोधित किया।