मुंबई कोर्ट ने विधानसभा लॉबी झड़प मामले में दो आरोपियों को जमानत दी, कहा- 'जेल में रखने से कोई लाभ नहीं'

इस झड़प की घटना विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 17 जुलाई को हुई थी, जब दोनों दलों के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। इससे एक दिन पहले, 16 जुलाई को, दोनों विधायक आपस में तीखी बहस में उलझे थे।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-07-22 16:59 GMT

मुंबई की एक अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में हुई झड़प के मामले में गिरफ्तार दो व्यक्तियों को जमानत दे दी है। ये दोनों – एक एनसीपी (शरद पवार गुट) विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थक नितिन देशमुख और दूसरा बीजेपी विधायक गोपीचंद पडळकर के समर्थक सरजे राव टकले – 18 जुलाई को गिरफ्तार किए गए थे।

इस झड़प की घटना विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 17 जुलाई को हुई थी, जब दोनों दलों के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। इससे एक दिन पहले, 16 जुलाई को, दोनों विधायक आपस में तीखी बहस में उलझे थे।

सोमवार को, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (प्रभारी), एस्प्लानेड कोर्ट, के. एस. जानवर ने दोनों को 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी। अदालत ने कहा कि आरोपियों को जेल में रखने का कोई उद्देश्य नहीं है क्योंकि वे जमानत की शर्तों का पालन करने को तैयार हैं।

अदालत ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि पुलिस को पर्याप्त हिरासत मिलने के बावजूद यह पता नहीं चल सका कि दोनों ने यह कृत्य किसके कहने पर किया। इसके अलावा, जांच में उनके इरादे को लेकर भी कुछ ठोस नहीं मिला।

दोनों को सोमवार को पुलिस रिमांड खत्म होने पर अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। इसके तुरंत बाद उन्होंने जमानत की अर्जी दी, जिसमें दावा किया गया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है और अब तक की जांच में कोई महत्वपूर्ण सबूत सामने नहीं आया है।

हालांकि अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध किया और तर्क दिया कि मामला गंभीर है और जांच अब भी जारी है। पुलिस ने यह भी आशंका जताई कि जमानत मिलने पर आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

लेकिन अदालत ने माना कि अब जांच मुख्यतः तकनीकी स्तर की रह गई है, जैसे कि सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा करना। ऐसे में आरोपियों को जेल में रखना आवश्यक नहीं है, खासकर जब वे जमानत की शर्तों का पालन करने को तैयार हैं।

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