आतंकियों के खिलाफ 'न्यू नॉर्मल' — रात में आर्मी अभ्यास और आर्टिकल 51 का कनेक्शन

इस कदम के भीतर एक प्रमुख बदलाव रात में होने वाले अभ्यासों और ट्रेनिंग पर जोर है — ताकि सुरक्षा बलों की तत्परता 24 घंटे बनी रहे और किसी भी तरह की आतंकी हरकत का त्वरित जवाब दिया जा सके।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-10-31 19:30 GMT

भारत आतंकवाद से निपटने के लिए अपनी सैन्य रणनीति में बदलाव पर काम कर रहा है। नई रणनीति, जिसे सेना और कुछ वरिष्ठ अफसरों ने 'न्यू नॉर्मल' कहा है, का लक्ष्य आतंकवादी गतिविधियों को युद्ध के समकक्ष मानते हुए तेज और निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता बनाना है। इस कदम के भीतर एक प्रमुख बदलाव रात में होने वाले अभ्यासों और ट्रेनिंग पर जोर है — ताकि सुरक्षा बलों की तत्परता 24 घंटे बनी रहे और किसी भी तरह की आतंकी हरकत का त्वरित जवाब दिया जा सके।

दक्षिणपश्चिमी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने इस नीति की रूपरेखा का हवाला देते हुए बताया कि अब ट्रेनिंग का लगभग 70 प्रतिशत भाग रात के समय और 30 प्रतिशत दिन में किया जा रहा है। उनका कहना है कि 'न्यू नॉर्मल' पॉलिटिकल डायरेक्शन के अनुरूप सेना युद्ध स्तर की तैयारी रख रही है, ताकि किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि को युद्ध की कार्रवाई मानते हुए तुरंत प्रभावी कार्रवाई की जा सके।

आत्मरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानूनी पहलू

नीति के समर्थक यह भी बताते हैं कि इस दृष्टिकोण से भारत को संयुक्त राष्ट्र संधि के आर्टिकल 51 के दायरे में आत्मरक्षा का औपचारिक बहाना मजबूत करने में मदद मिल सकती है। आर्टिकल 51 राष्ट्रों को सशस्त्र हमले की स्थिति में आत्मरक्षा का अधिकार देता है। सेना के एक अधिकारी के अनुसार, यदि आतंकवादी किसी देश के खिलाफ संगठित और सीमापार गतिविधियों के जरिए हमला कर रहे हों तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 'स्वीकृत आत्मरक्षा' के दायरे में रखा जा सकता है — और इस दृष्टिकोण से भारत की वैधानिक कार्रवाई की वैधता को मजबूती मिल सकती है।

प्रशिक्षण और तकनीकी तैयारियाँ

अधिकारियों ने यह भी बताया कि 'न्यू नॉर्मल' के अनुरूप कई नई टेक्नोलॉजी और क्षमताएँ जोड़ी जा रही हैं। इसमें रात्रिदृष्टि उपकरणों, रणनीतिक निगरानी, इंटेलिजेंससाझेदारी और त्वरितresponse यूनिटों का विकास शामिल है। इन तैयारियों का उद्देश्य सीमा के अंदर तथा सीमा पार से होने वाली किसी भी आतंकवादी साजिश का समय रहते पता लगाकर उसे कुचलना है।

राजनीतिक और कूटनीतिक निहितार्थ

'न्यू नॉर्मल' की नीति के राजनीतिक और कूटनीतिक असर भी होंगे। किसी भी सैन्य कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय मान्यताओं के अनुरूप रखना जरूरी होगा ताकि प्रतिवाद या कानूनी चुनौतियों से बचा जा सके। इसलिए नीति प्रवर्तन के साथसाथ कूटनीतिक संचार, औपचारिक तथ्यों का दस्तावेजीकरण और सहयोगी देशों व अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ समन्वय बनाए रखने पर भी ध्यान दिया जाएगा।

समीक्षा और सार्वजनिक आकांक्षाएँ

विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकवाद से निपटने के लिए तेज और निर्णायक कदम आवश्यक हैं, पर इनके साथ पारदर्शिता, मानवाधिकारों का सम्मान और नागरिक सुरक्षा का ध्यान रखना भी अनिवार्य होगा। रात के समय अधिक प्रशिक्षण और तैयारी से सुरक्षा बलों की तैयारियाँ बढ़ेंगी, पर जनता और क्षेत्रीय प्रशासन को भी सुरक्षा रणनीतियों के असर और संभावित साइडइफेक्ट्स के प्रति सजग रहना होगा। 

Tags:    

Similar News