निशिकांत दुबे की मराठी टिप्पणी पर पड़ोसी दलों का कटाक्ष

दुबे ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि मुंबई में हिंदी बोलने वालों पर मार-कूट करने वालों को अगर हिम्मत हो तो महाराष्ट्र में उर्दू बोलने वालों पर भी हाथ उठाएं, क्योंकि “हर घर का कुत्ता अपना टाइगर होता है”। उन्होंने “पटाक पटाक के मारेंगे” तक कह दिया, जिसका विरोध शुरू हो गया।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-07-08 21:30 GMT

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की मराठी भाषा पर की गई टिप्पणी को “अनुचित” करार देते हुए चेतावनी दी कि इससे जनता के मन में भ्रम फैल सकता है। उनका यह बयान उस समय आया जब दुबे के विवादित विचारों की भाजपा के भीतर और सहयोगी पार्टियों में भी निंदा हुई।

दुबे ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि मुंबई में हिंदी बोलने वालों पर मार-कूट करने वालों को अगर हिम्मत हो तो महाराष्ट्र में उर्दू बोलने वालों पर भी हाथ उठाएं, क्योंकि “हर घर का कुत्ता अपना टाइगर होता है”। उन्होंने “पटाक पटाक के मारेंगे” तक कह दिया, जिसका विरोध शुरू हो गया।

फडणवीस ने स्पष्ट किया कि दुबे का निशाना किसी विशेष संगठन पर था, न कि मराठी जनसंख्या पर। फिर भी उन्होंने कहा, “ऐसी टिप्पणियाँ गलत हैं, क्योंकि लोग इसे एक सामान्य हमला समझ सकते हैं।” उन्होंने महाराष्ट्र और मराठी जनता के योगदान की तारीफ करते हुए कहा कि इतिहास से लेकर आज तक मराठी लोगों ने देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाई है।

संस्कृति मंत्री अशिष शेलार ने बिना नाम लिए कहा कि मराठी “मनूस” का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने दुबे को अंतिम चेतावनी दी कि यदि उन्होंने दोबारा ऐसी भाषा का प्रयोग किया तो कड़ी प्रतिक्रिया होगी।

शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने दुबे को “लकड़बाघा” तक कहकर आड़े हाथ लिया और भाजपा पर “विभाजन की राजनीति” का आरोप लगाया। आदित्य ठाकरे ने भी इसे द्विभाजन की राजनीति बताकर निंदा की। एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने भी इस रेखाबद्ध बहस को खारिज किया।

इस पूरे विवाद ने महाराष्ट्र में भाषाई सौहार्द्र की भावना को चुनौती दी है और सभी दलों ने एकजुट होकर कहा है कि भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं स्वीकारा जाएगा।

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