UP में आज से 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' विशेष अभियान शुरू, दुर्घटनाओं में 70% मौतें हेलमेट नहीं पहनने से होती हैं, पढ़ें क्या कहती है रिपोर्ट
लखनऊ। यूपी में बाइक वाले बिना हेलमेट का पेट्रोल पंप पर फ्यूल लेने जाते हैं तो हो जाएं सावधान। दरअसल, सीएम योगी ने आज से प्रदेश में जीवन रक्षा, सबकी सुरक्षा के लिए बड़ी पहल की है। प्रदेशवासियों की सुरक्षा का संकल्प लेते हुए यूपी सरकार ने 1 सितंबर से 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' विशेष सड़क सुरक्षा अभियान शुरू किया है।
सीएम ने अभियान की सफलता के लिए लोगों का मांगा साथ
बता दें कि पूरे प्रदेश में आज से यह अभियान जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला सड़क सुरक्षा समिति के समन्वय से चलाया जाएगा। 30 सितंबर तक चलने वाले अभियान में परिवहन, पुलिस, राजस्व/जिला प्रशासन के अधिकारी मिलकर मुख्य जिम्मेदारी निभाएंगे। सीएम योगी ने प्रदेशवासियों से अपील की-पहले हेलमेट, बाद में ईंधन। वहीं सीएम योगी ने कहा कि 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' का उद्देश्य दंडित करना नहीं, बल्कि हर नागरिक को कानून के अनुरूप सुरक्षित व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करना है। ईंधन तभी, जब हेलमेट सिर पर हो। सीएम ने अभियान की सफलता के लिए प्रदेशवासियों का साथ भी मांगा।
तेल कंपनियों से सहयोग की अपील की
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' सुरक्षा का संकल्प है। यह अभियान 1 से 30 सितम्बर तक पूरे प्रदेश में चलेगा। सभी जनपदों में जिलाधिकारी के नेतृत्व, डीआरएससी के समन्वय और पुलिस-प्रशासन-परिवहन अधिकारियों के प्रवर्तन के साथ चलेगा। सभी नागरिकों, पेट्रोल पम्प संचालकों और तेल कंपनियों से सहयोग की अपील है। हर नागरिक 'हेलमेट पहले, ईंधन बाद में' को नियम बनाएं।
मौत का सबसे बड़ा कारण हेलमेल न पहनना रहा
दरअसल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2023 के दौरान सड़क हादसों में 1,72,890 लोगों की मौत हुई। इनमें से सबसे ज्यादा संख्या दोपहिया वाहन सवारों की रही। रिपोर्ट में बताया गया कि 45% (77,455) मौतें दोपहिया वाहन चालकों और सवारों की हुईं, जिनमें से 70% यानी 54,568 लोग हेलमेट नहीं पहने हुए थे, यानी दोपहिया वाहन सवारों की मौत का सबसे बड़ा कारण हेलमेल न पहनना रहा।
44.8% मौतें दोपहिया सवारों की हुईं
वहीं इस रिपोर्ट में बताया गया कि 44.8% मौतें दोपहिया सवारों की हुईं। 54,568 लोगों ने हेलमेट नहीं पहना था, जिनमें 39,160 ड्राइवर और 15,408 सवार थे। 16,025 मौतें बिना सीट बेल्ट लगाए कार चालकों और यात्रियों की हुईं।