दिल्ली के पश्चिम विहार में फ्लैट से 1.3 करोड़ रुपये की अवैध दवाएं बरामद

जब्त की गई दवाओं के नमूने जांच के लिए सरकारी लैब में भेजे गए हैं और रिपोर्ट 10 से 15 दिनों के भीतर आने की संभावना है। इसके अलावा, इन दवाओं के नमूने असली निर्माता कंपनियों को भी भेजे गए हैं ताकि उनकी प्रमाणिकता की पुष्टि की जा सके।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-07-29 19:30 GMT

दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में एक रिहायशी फ्लैट से 1.3 करोड़ रुपये से अधिक की बिना लाइसेंस वाली दवाओं का जखीरा बरामद किया गया है। यह कार्रवाई दिल्ली ड्रग्स कंट्रोल विभाग की टीम ने की, जिसकी जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राजधानी में नकली और अवैध दवाओं के खिलाफ सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है।

जब्त की गई दवाओं के नमूने जांच के लिए सरकारी लैब में भेजे गए हैं और रिपोर्ट 10 से 15 दिनों के भीतर आने की संभावना है। इसके अलावा, इन दवाओं के नमूने असली निर्माता कंपनियों को भी भेजे गए हैं ताकि उनकी प्रमाणिकता की पुष्टि की जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि एक गोपनीय सूचना के आधार पर दिल्ली ड्रग्स कंट्रोलर के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाई गई थी। इस टीम में ड्रग इंस्पेक्टर और असिस्टेंट ड्रग्स कंट्रोलर शामिल थे, जिन्होंने संयुक्त रूप से यह छापेमारी की।

छानबीन के दौरान पाया गया कि एक रिहायशी फ्लैट को अवैध गोदाम की तरह इस्तेमाल करते हुए बड़ी मात्रा में दवाएं रखी गई थीं। वहां मौजूद व्यक्ति कोई वैध लाइसेंस या खरीद दस्तावेज नहीं दिखा सका।

जब्त की गई दवाओं में ओमेपराज़ोल (Omez), केटोरोलाक (KETOROLTM-DT), डापाग्लिफ्लोज़िन (Forxiga), ग्लाइमेपिराइड (Amaryl) जैसी लोकप्रिय दवाएं शामिल हैं।

एक वरिष्ठ स्वास्थ्य विभाग अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने स्वीकार किया कि वह पिछले दो महीने से इस अवैध दवा कारोबार को अपने घर से ही चला रहा था, बिना किसी वैध लाइसेंस या रिकॉर्ड के।

विभाग ने अदालत से इजाज़त लेकर जब्त दवाओं को अपने कब्जे में रखा है और पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है ताकि सप्लाई चेन और अन्य संबंधित लोगों की पहचान की जा सके।

अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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