ओवैसी का हमला: CJI गवई पर हमले को लेकर मोदी सरकार पर उठाए पक्षपात के आरोप

राकेश किशोर ने न्यायालय और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अपनी शिकायतों में बरेली मामले का भी जिक्र किया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ बोलने से रोकना चाहिए।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-10-08 21:30 GMT

एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वकील राकेश किशोर द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर हमले की कोशिश को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर निशाना साधा। ओवैसी ने किशोर के खिलाफ कार्रवाई न करने पर धर्म के आधार पर पक्षपात का आरोप लगाया।

ओवैसी ने अपने भाषण में कहा, "अगर उनका नाम राकेश किशोर नहीं बल्कि असद होता, तो पुलिस क्या करती? भाजपा वाले कहते, उसे उठा लो, ‘वह पड़ोसी देश से आया है—आईएसआई!’ उस व्यक्ति के खिलाफ सारे मोर्चे खोल देते।" उन्होंने घटना की तुलना हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मुहम्मद' बैनर हटाने के विरोध पर मुसलमानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई से की।

राकेश किशोर ने न्यायालय और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अपनी शिकायतों में बरेली मामले का भी जिक्र किया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ बोलने से रोकना चाहिए। किशोर ने नारा लगाया था, "सनातन का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।"

किशोर ने मीडिया को बताया कि भगवान विष्णु की मूर्ति से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की हालिया टिप्पणी से उन्हें ठेस पहुँची। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी मौखिक टिप्पणी में किसी का अपमान करने का इरादा नहीं था।

ओवैसी ने कहा, "मोदी जी, मुझे बताइए, क्या आपकी सरकार और नीतियां जिम्मेदार नहीं हैं? ये वही लोग हैं जिन्हें आपकी सरकार ने सशक्त बनाया है। भाजपा और मोदी सरकार ने ऐसे लोगों के दिलों में जहर भर दिया है।" उन्होंने आगे कहा कि किशोर अब भी कह रहे हैं कि उन्हें किसी चीज की परवाह नहीं है और प्रधानमंत्री केवल एक बयान दे रहे हैं जैसे, "यह बहुत गलत था।"

ओवैसी के बयान ने राजनीतिक गलियारे में सियासी हलचल पैदा कर दी है और सरकार की संवेदनशीलता और धार्मिक तटस्थता पर नए सवाल उठाए हैं।

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