Diwali Festival: दिवाली के मौके पर इस तरह से लक्ष्मी मां को करें प्रसन्न, जानें पूजा विधि और सामग्री के बारे में...
दिवाली पर माता लक्ष्मीजी के पूजन का विशेष महत्व है। लक्ष्मीजी को कुछ वस्तुएं विशेष प्रिय हैं। उनका उपयोग करने से वो शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इनका उपयोग अवश्य करना चाहिए। वस्त्र में इनका प्रिय वस्त्र लाल-गुलाबी या पीले रंग का रेशमी वस्त्र है।
लक्ष्मीजी को कमल और गुलाब हैं प्रिय
लक्ष्मी माता को पुष्प में कमल व प्रिय गुलाब है। फल में श्रीफल, सीताफल, बेर, अनार व सिंघाड़े प्रिय हैं। सुगंध में केवड़ा, गुलाब, चंदन के इत्र का प्रयोग इनकी पूजा में अवश्य करें। अनाज में चावल और सफेद मिठाई का प्रयोग करें।
दीप को करें प्रज्वलित
गाय का घी, मूंगफली या तिल के तेल से मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं। अन्य सामग्री में गन्ना, कमल गट्टा, खड़ी हल्दी, बिल्वपत्र, पंचामृत, गंगाजल, ऊन का आसन, रत्न आभूषण, गाय का गोबर, सिंदूर, भोजपत्र का पूजन में उपयोग करना चाहिए।
पूजा की विधि
सबसे पहले चौकी पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे। लक्ष्मीजी, गणेशजी की दाहिनी ओर रहें। पूजा करने वाले का मुख मूर्तियों के सामने की तरफ रहे। कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें। नारियल को लाल वस्त्र में इस प्रकार लपेटें कि नारियल का अग्रभाग दिखाई देता रहे व इसे कलश पर रखें। यह कलश वरुण का प्रतीक है।
दो बड़े दीपक रखें
दो बड़े दीपक रखें। एक में घी भरें व दूसरे में तेल। एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें व दूसरा मूर्तियों के चरणों में।
नवग्रह की प्रतीक नौ ढेरियां बनाएं
मूर्तियों वाली चौकी के सामने छोटी चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। कलश की ओर एक मुट्ठी चावल से लाल वस्त्र पर नवग्रह की प्रतीक नौ ढेरियां बनाएं।
पूजा में लगने वाले सामान
ग्यारह दीपक, खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान, फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर,कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती आदि।
आसान पर बैठ कर पूजा करें
आसान पर बैठ कर लक्ष्मी सूक्त या लक्ष्मी, गणेश चालीसा का पाठ करें। उसके बाद आरती करें।