पीएम मोदी ने युवाओं को दी 62,000 करोड़ की सौगात! आधुनिक ट्रेडों में कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "कर्पूरी ठाकुर को सोशल मीडिया ट्रोल्स ने 'जन नायक' नहीं बनाया था। उन्हें बिहार के लोगों ने 'जन नायक' बनाया था और उन्होंने ऐसा उनके जीवन को देखने के बाद किया था।;
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक पहल के अंतर्गत आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में युवा विकास के लिए 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न युवा-केंद्रित पहलों की शुरुआत की। बता दें कि यह योजना 1,000 सरकारी आईटीआई को उद्योग-प्रबंधित हब-एंड-स्पोक मॉडल पर उन्नत करेगी, जिससे आधुनिक ट्रेडों में कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि कुछ वर्ष पहले, हमारी सरकार ने आईटीआई छात्रों के लिए बड़े पैमाने पर दीक्षांत समारोहों की एक नई परंपरा शुरू की थी।
क्या बोले पीएम मोदी
पीएम नोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि "कुछ वर्ष पहले, हमारी सरकार ने आईटीआई छात्रों के लिए बड़े पैमाने पर दीक्षांत समारोहों की एक नई परंपरा शुरू की थी। आज, हम सभी इस परंपरा में एक और मील का पत्थर देख रहे हैं। मैं भारत के कोने-कोने से आए सभी युवा आईटीआई साथियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। आज का यह समारोह भारत में कौशल के महत्व का प्रतीक है। आज, देश भर के युवाओं के लिए दो और बड़ी शिक्षा और कौशल विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है।"
कर्पूरी ठाकुर को बिहार के लोगों ने 'जन नायक' बनाया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कर्पूरी ठाकुर को सोशल मीडिया ट्रोल्स ने 'जन नायक' नहीं बनाया था। उन्हें बिहार के लोगों ने 'जन नायक' बनाया था और उन्होंने ऐसा उनके जीवन को देखने के बाद किया था। मैं बिहार के लोगों से सतर्क रहने का आग्रह करता हूं। आजकल लोग 'जन नायक' की इस उपाधि को भी चुराने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए मैं बिहार के लोगों से सतर्क रहने का आग्रह करता हूं ताकि कर्पूरी ठाकुर को लोगों द्वारा दिया गया यह सम्मान चोरी न हो। एनडीए की डबल इंजन सरकार लगातार बिहार के शैक्षणिक संस्थानों के आधुनिकीकरण में लगी हुई है।"
पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के ऊपर निशाना साधते हुए कहा, "इस कार्यक्रम के माध्यम से बिहार के हजारों युवा हमसे जुड़े हैं। इस पीढ़ी को शायद अंदाजा नहीं होगा कि ढाई दशक पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था कितनी जर्जर थी। न तो ईमानदारी से स्कूल खुलते थे और न ही भर्तियां होती थीं। कौन सा माता-पिता नहीं चाहेगा कि उसका बच्चा यहां पढ़े और आगे बढ़े? लेकिन मजबूरी में लाखों बच्चे बिहार छोड़कर वाराणसी, दिल्ली और मुंबई जाने को मजबूर हुए। यहीं से पलायन की असली शुरुआत हुई। सौभाग्य से बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को सरकार की जिम्मेदारी सौंपी और हम सब इस बात के गवाह हैं कि कैसे एनडीए की पूरी टीम ने मिलकर बिगड़ी हुई व्यवस्था को पटरी पर लाया। नीतीश कुमार की सरकार ने इस विश्वविद्यालय का नाम भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के नाम पर रखा है।"
क्या बोले सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि "आज देशभर के आईटीआई टॉपर्स के लिए कौशल दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने इन संस्थानों के छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए हैं। बिहार में युवा आयोग और जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। इसके माध्यम से बिहार के युवाओं को नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं और 25 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। इससे बिहार के लोगों को बहुत लाभ होगा।"