'दृश्यम' फिल्म से मिला आइडिया तो 70 साल की महिला को मारकर शव जलाकर झील फेंका, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

पुलिस के अनुसार, रमेश ने चांदीबाई नाम की 70 वर्षीय महिला की हत्या इसलिए की क्योंकि वह उसके गहने चुराना चाहता था। 9 जनवरी को एक कार्यक्रम में जब चांदीबाई ढोल बजा रही थीं, तभी रमेश ने उन्हें देखा और उनके गहनों पर नजर रखी।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-06-02 17:10 GMT

राजस्थान के उदयपुर में एक व्यक्ति ने फिल्म 'दृश्यम' से प्रेरित होकर एक बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी और उसके शव को जलाकर झील में फेंक दिया। आरोपी की पहचान रमेश लोहार के रूप में हुई है, जो कि पांचवीं कक्षा तक पढ़ा है और क्राइम थ्रिलर फिल्में और टीवी शो देखने का शौकीन है।

पुलिस के अनुसार, रमेश ने चांदीबाई नाम की 70 वर्षीय महिला की हत्या इसलिए की क्योंकि वह उसके गहने चुराना चाहता था। 9 जनवरी को एक कार्यक्रम में जब चांदीबाई ढोल बजा रही थीं, तभी रमेश ने उन्हें देखा और उनके गहनों पर नजर रखी।

22 फरवरी को रमेश ने चांदीबाई को एक कार्यक्रम में परफॉर्म करने के बहाने 1100 रुपये का लालच दिया और अपनी वैन में बैठा लिया। वह घंटों इधर-उधर घुमाता रहा और अपना मोबाइल बंद कर दिया ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न हो सके। रात को वह एक सुनसान जगह ले गया और स्क्रूड्राइवर से उनके सिर पर कई वार किए।

इसके बाद रमेश ने उनके गहने उतार लिए, मोबाइल बंद कर जंगल में बैग समेत फेंक दिया। फिर शव को एक कचरा स्थल पर ले जाकर मलबे से ढका और आग लगा दी। अगली सुबह वह फिर गया, जले हुए अवशेष उठाए और पास की झील में फेंक दिए।

रमेश को लगा कि अगर शरीर नहीं मिलेगा, तो वह पकड़ा नहीं जाएगा, जैसे फिल्म 'दृश्यम' में दिखाया गया था। लेकिन पुलिस ने जांच के दौरान घटनास्थल से खोपड़ी के टुकड़े बरामद किए।

फॉरेंसिक जांच में रमेश की वैन में खून के निशान और बाल मिले, जो चांदीबाई के बिस्तर से लिए गए बालों से मेल खा गए।

चांदीबाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दो महीने पहले दर्ज हुई थी, लेकिन जब परिवार को पुलिस की कार्रवाई पर शक हुआ तो उन्होंने उच्च अधिकारियों से संपर्क किया। बाद में जांच ASP को सौंपी गई।

कुछ लोगों ने पुलिस को बताया कि 22 फरवरी को चांदीबाई को सिल्वर रंग की वैन में बैठाया गया था। पता चला कि वह वैन रमेश की थी, जो नकली गहनों का विक्रेता है और पहले भी आपराधिक मामलों में शामिल रह चुका है।

पुलिस ने जब रमेश से पूछताछ की तो वह शुरुआत में मुकर गया। लेकिन मोबाइल रिकॉर्ड से पता चला कि वह और चांदीबाई एक ही जगह पर थे।

डिजिटल जांच में खुलासा हुआ कि रमेश 'दृश्यम', अपराध से जुड़ी जानकारी और पुलिस द्वारा मोबाइल ट्रैकिंग से अपराधी पकड़ने के तरीके गूगल पर सर्च कर रहा था। उसकी पत्नी ने भी बताया कि वह देर रात तक अपराध से जुड़े शो देखता रहता था।

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