RBI Repo Rate: आरबीआई ने रेपो रेट में की 50 आधार अंकों की कटौती, लोन की ईएमआई हो सकती है कम
इस साल लगातार तीसरी एमएमसी बैठक में ब्याज दरों में कटौती की गई है;
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का एलान किया है। एमपीसी के सदस्यों ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती की है। अब यह 6% से घटकर 5.5% हो गई।
साल 2025 में लगातार तीसरी एमएमसी बैठक में ब्याज दरों में कटौती की गई है। आरबीआई के इस फैसले से लोन की ईएमआई भी कम होगी। हालांकि, ऐसा बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती के एलान के बाद ही हो पाएगा।
लोन लेने वालों को मिलेगी राहत
आरबीआई ने विकास को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में उम्मीद से अधिक 50 आधार अंकों की कटौती की। ब्याज दरों में कटौती के बाद प्रमुख नीतिगत दर घटकर 5.5% पर आ गई, जो कि पिछले तीन साल में सबसे कम है। इससे ऑटो और कॉर्पोरेट लोन लेने वालों को राहत मिल सकती है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि विकसित हो रहे व्यापक आर्थिक और वित्तीय विकास और आर्थिक परिदृश्य के विस्तृत आकलन के बाद एमपीसी ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती करने का निर्णय लिया है।
क्या है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों को उधार देता है। जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो जाता है। वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन दे सकते हैं।