नहीं रहे प्रख्यात हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल, 89 की उम्र में ली अंतिम सांस, साहित्य जगत में शोक

Update: 2025-12-23 13:06 GMT

रायपुर। प्रख्यात हिंदी साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल का आज, 23 दिसंबर 2025 को रायपुर के एम्स (AIIMS) अस्पताल में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे और लंबे समय से सांस की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।

उनके निधन से जुड़ी मुख्य जानकारी

वे पिछले कुछ दिनों से रायपुर एम्स के क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में भर्ती थे। वहीं विनोद कुमार शुक्ल छत्तीसगढ़ से ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले पहले साहित्यकार थे, जो उन्हें इसी वर्ष (2024 के लिए 59वां पुरस्कार) प्रदान किया गया था।

प्रमुख रचनाएं

वे अपने उपन्यासों 'नौकर की कमीज' और 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' (साहित्य अकादमी पुरस्कृत) के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध थे।

1 जनवरी 1937 को हुआ था

उनका जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था। उनकी सादगी और अनूठी भाषाई शैली हिंदी साहित्य की एक अमूल्य धरोहर रही है। क्या आप उनकी किसी विशेष कृति या उनके साहित्यिक योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी चाहते हैं?

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