Sarva Pitru Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या के दिन रहेगा सूर्य ग्रहण, जानें क्या है पितरों के तर्पण का शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली। इस बार रविवार 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या है। यह दिन पितरों के तर्पण के लिए बेहद शुभ होता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न और तृप्त होते हैं। इस साल सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया रहने वाला है। जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि सर्व पितृ अमावस्या के दिन कब तर्पण करना चाहिए? इसका शुभ मुहूर्त क्या है?
कब लगेगा सूर्य ग्रहण?
बता दें कि रविवार 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण लगेगा। इससे पहले भाद्रपद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगा था। चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई दिया था। इसके लिए सूतक भी मान था। सूर्य ग्रहण के दिन सूतक चार प्रहर पहले लग जाता है। वहीं, चंद्र ग्रहण के दिन सूतक तीन प्रहर पहले लगता है। यह सूर्य ग्रहण देर रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और ब्रह्म मुहूर्त में तड़के 03 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। भारत में यह दिखाई नहीं देगा। इसके लिए सूतक भी मान्य नहीं होगा। ऐसे में पंचांग द्वारा निर्धारित समय पर श्राद्ध और तर्पण कर सकते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या का क्या है शुभ मुहूर्त
आश्विन अमावस्या की शुरुआत 21 सितंबर को देर रात 12 बजकर 16 मिनट पर होगी
आश्विन अमावस्या का समापन 22 सितंबर को देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर होगा।
श्राद्ध और तर्पण का समय
सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध और तर्पण के लिए कुतुप मूहूर्त दिन में 11 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है।
वहीं, रौहिण मूहूर्त - दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 27 मिनट तक है। जबकि, अपराह्न बेला में श्राद्ध और तर्पण के लिए समय दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से लेकर 03 बजकर 53 मिनट तक है।