SC: नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर्स गठजोड़ को उजागर करने के लिए SIT का गठन, नोएडा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन का हो सकता है ऐलान
नोएडा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन का भी ऐलान हो सकता है। जिसकी वजह से पॉवर का डिवाइडेशन भी हो जाएगा। म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के गठन के बाद नोएडा अथॉरिटी का 50 फीसदी से ज्यादा काम जो मेंटेनेंस से जुड़ा हुआ है वो कॉरपोरेशन के पास आ जाएगा।;
नोएडा। नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और बिल्डर्स के बीच मिलीभगत के मुद्दे हमेशा सामने आते रहते हैं। कोई नया नहीं है। नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों पर लगातार इस तरह के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अब इस पूरे मामले का पर्दाफाश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया है। नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और बिल्डर्स के साथ मिलकर मनमानी करने के काफी गंभीर आरोप हैं। जिनकी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से एसआईटी के गठन का आदेश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट का नोएडा अधिकारियों पर कड़ा रूख
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने महज 8 महीने में ही नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के खिलाफ सख्ती दिखाई है। नोएडा के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के भ्रष्टाचार में बिल्डरों की भागेदारी के खिलाफ ये एसआईटी गठित की है। सुप्रीम ने नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर्स की सांठगांठ के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश दिया
जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोएडा को महानगर परिषद में बदलने का निर्णय लेने को भी कहा है। इसका मतलब है कि जल्द ही सरकार की ओर से नोएडा में नोएडा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन का भी ऐलान हो सकता है। जिसकी वजह से पॉवर का डिवाइडेशन भी हो जाएगा। म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के गठन के बाद नोएडा अथॉरिटी का 50 फीसदी से ज्यादा काम जो मेंटेनेंस से जुड़ा हुआ है वो कॉरपोरेशन के पास आ जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया यह आदेश
दरअसल, SIT ने पाया है कि नोएडा के अधिकारियों के भ्रष्टाचार और बिल्डरों के प्रति उनकी मित्रता के कारण किसानों को अत्यधिक मुआवजा दिया गया है। जिसके खिलाफ इस एसआईटी की जांच के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं।