SIR की तारीख नहीं बढ़ी: यूपी में 2.89 करोड़ नाम कटेंगे, 1.11 करोड़ मतदाताओं को भेजा जाएगा नोटिस
इससे पहले एसआईआर की अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी थी, लेकिन अब गणना प्रपत्र भरने और जमा करने की प्रक्रिया पूरी मानी गई है।;
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया की समय-सीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई। चुनाव आयोग ने तीसरी बार इस प्रक्रिया की तारीख बढ़ाने से इनकार कर दिया है। इससे पहले एसआईआर की अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी थी, लेकिन अब गणना प्रपत्र भरने और जमा करने की प्रक्रिया पूरी मानी गई है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची में कुल 15.44 करोड़ मतदाता दर्ज हैं, जिनमें से 2.89 करोड़ नाम काटे जाने की तैयारी है। वहीं करीब 1.11 करोड़ मतदाताओं को नोटिस भेजे जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी चुनाव आयोग के अनुसार, जिन 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएंगे, उनमें अलग-अलग श्रेणियां शामिल हैं। इनमें 1.26 करोड़ ऐसे मतदाता हैं जो स्थानांतरित हो चुके हैं, 46 लाख मृत मतदाता हैं, 23.70 लाख डुप्लीकेट नाम पाए गए हैं, 83.73 लाख लंबे समय से अनुपस्थित हैं और 9.57 लाख अन्य श्रेणी में रखे गए हैं। यह प्रक्रिया मतदाता सूची को अधिक शुद्ध और अद्यतन बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 31 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की जाएगी। इसके बाद 31 दिसंबर से 30 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जाएंगी। वहीं 31 दिसंबर से 21 फरवरी 2026 तक नोटिस चरण के अंतर्गत गणना प्रपत्रों पर निर्णय लिया जाएगा और दावों व आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया के बाद 28 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाएगी।
चुनाव आयोग ने बीते दो हफ्तों के भीतर ऐसे मतदाताओं की पहचान और सत्यापन का विशेष अभियान चलाया, जो स्थानांतरित, मृत, डुप्लीकेट या अनुपस्थित श्रेणी में थे। सभी जिलों में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के साथ-साथ राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (BLA) को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया। बूथवार सूचियां बनाकर घर-घर जाकर दोबारा सत्यापन कराया गया, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना न रहे। 11 दिसंबर को जिन मतदाताओं की संख्या 2.96 करोड़ आंकी गई थी, उनमें से करीब सात लाख मतदाताओं को दोबारा खोज लिया गया, जिसके बाद अंतिम आंकड़ा 2.89 करोड़ तय हुआ।
इसके साथ ही वर्ष 2003 की मतदाता सूची और वर्तमान मतदाता सूची के बीच मैपिंग का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। आयोग के अनुसार करीब 91 प्रतिशत मतदाताओं का मिलान सफलतापूर्वक कर लिया गया है। यह मिलान मतदाताओं के नाम, माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी के नाम के आधार पर किया गया। शेष लगभग नौ प्रतिशत, यानी करीब 1.11 करोड़ मतदाताओं को नोटिस भेजे जाएंगे, जिनसे पहचान संबंधी दस्तावेज मांगे जाएंगे।
वहीं नए मतदाताओं को जोड़ने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। अब तक 11 लाख से अधिक लोग मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए फॉर्म भर चुके हैं। एक जनवरी 2026 को जिन युवाओं की आयु 18 वर्ष पूरी हो रही है, वे भी फॉर्म-6 भरकर आवेदन कर सकते हैं। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करने और दावे-आपत्तियों के निस्तारण में पूरी पारदर्शिता और सावधानी बरती जाए, ताकि एक शुद्ध और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार हो सके।